हम हर साल शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि के दूसरे दिन यानी दशमी को दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व मनाते हैं। प्राचीन सभ्यता और पौराणिक कथाओं से ज्ञात होता है कि भगवान श्रीराम ने शक्ति की अराधना की थी और फिर आज ही के दिन लंकाधिपति रावण का संहार किया था। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व भी कहा गया है। आज का दिन अतिपावन माना जाता है, क्योंकि भगवान राम ने त्रेतायुग में कई आसुरी शक्तियों का विनाश किया था और अंत में महाबली, महाज्ञानी रावण का वध किया था।
विजयादशमी के इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कोरोना रूपी रावण का संहार करने सतर्कता बरतने और शासन—प्रशासन को सहयोग करने की अपील की है।
विजयादशमी के पावन अवसर पर आप सभी को अनंत शुभकामनाएं।
Greetings to everyone on the special occasion of Vijaya Dashami.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2021
इसी तरह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की जनता को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए अच्छाई को अपनाकर अपने भीतर की बुराई का आज दहन करने की अपील की है।
सभी प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं।#दशहरा शक्ति पूजा, शस्त्र पूजन, हर्ष, उल्लास और विजय का पर्व है।#विजयादशमी का यह पर्व बुराई पर अच्छाई और अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है।
मैं सभी प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूँ।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 15, 2021
क्यों कहा जाता है विजय पर्व
आश्विन महीने की दशमी तिथि और श्रवण नक्षत्र के संयोग में भगवान राम ने महापंडित रावण का वध किया था। इस वजह से आज के दिन को विजयादशमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। आज वही संयोग एक बार फिर से बना है। आज से माता दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी शुरु हो जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक द्वापर युग में अर्जुन ने कौरवों पर विजय प्राप्ति के लिए इसी दिन शमी वृक्ष की पूजा की थी। इस पर्व पर विक्रमादित्य ने शस्त्र पूजन किया था। इसलिए दशहरे पर शमी पूजा और शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है।
सफलता निश्चित हो जाती है
विद्वानों का मानना है कि अश्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि और श्रवण नक्षत्र के संयोग से स्वयंसिद्धि मुहूर्त बनता है। इस दिन किए जाने वाले काम में सफलता निश्चित होती है, इसलिए इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा गया है। दशहरे पर हर तरह की खरीदारी, नए कामों की शुरुआत, महत्वपूर्ण लेन-देन और निवेश फायदेमंद होता है।