कोरिया से आरजु अंसारी की रिपोर्ट
कोरिया / केंद्र सरकार द्वारा देश में वाणिज्य खनन निजी क्षेत्रों को सौंपने एवं कोयला खदान की नीलामी सीआईएल से सीएमपीटीएल को अलग करने का प्रस्ताव श्रमिकों के मौलिक अधिकारों की कटौती कर नियोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर श्रम कानूनों में किए गए संशोधन व अन्य श्रम विरोधी निर्णय के खिलाफ बैकुंठपुर क्षेत्र की कोयला खदानों में कार्यरत श्रम संघों एटक, इंटक एचएमएस, बीएमएस व सीटू यूनियन के द्वारा मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय बैकुंठपुर क्षेत्र के समक्ष सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काला फीता लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान श्रम संघ प्रतिनिधियों ने कहा कि भारत सरकार ने कोयला खदानों के निजी करण का फैसला किया गया है। 50 कोयला ब्लॉक की नीलामी 11 जून को सरकार ने निर्धारित की है यह देश के साथ धोखा है, मजदूरों के साथ धोखा है, राष्ट्रीय संपत्ति की लूट की योजना है, यह पूरी तरह देश की संपत्ति को लूटने की कार्यप्रणाली है केंद्र सरकार को मजदूरों के दुख दर्द से कुछ नहीं लेना श्रम संघों के द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को संबोधित ज्ञापन की मुख्य मांगे….
@ कोल इंडिया लिमिटेड एवं अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश प्रक्रिया को रोका जाए
@ वाणिज्यिक कोयला खदान खनन हेतु निजी एजेंसियों को कोल ब्लॉकों की नीलामी बंद किया जावे
@ श्रमिकों के अधिकारों की कटौती करने वाले श्रम कानूनों में संशोधन बंद किया जावे
@ ठेकेदारी श्रमिकों को हाई पावर कमेटी एचपीसी वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जावे
@ covid-19 के दौरान सभी असंगठित श्रमिक बल पंजीकृत या पंजीकृत या सुनियोजित आदि सभी को प्रतिमा कम से कम 7:30 हजार रुपए उनके बैंक खातों में जमा किया जावे
@ मनरेगा के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में 200 दिन की रोजगार सुनिश्चित किया जाए तथा निर्धारित मजदूरी दर प्रति दिन 500 किया जावे