छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश में सबसे पहले ‘गोबर’ की उपयोगिता को समझा, उसे उपयोग में लाने का सोचा, तो इसके जरिए पशुपालकों को आर्थिक सुदृढ़ता प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाया। अब देश के दूसरे राज्यों में भी ‘गोबर’ की उपयोगिता पर ध्यान देने की शुरुआत हो गई है। इसमें उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहल भी शुरु कर दी है।
उत्तर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों से गोबर खरीदकर बिजली बनाने का काम करेगी। मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत पहले संयंत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में की जाएगी। संयंत्र के दो माह में शुरू होने की उम्मीद है।
मंत्री सोमवार को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा ‘विकास परियोजना’ के तहत वाराणसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ समेत चार पक्षों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के अवसर संबोधित कर रहे थे। डिजिटल तरीके से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
चौधरी ने कहा कि इस परियोजना से प्रधानमंत्री की किसानों की आय दोगुनी करने की योजना के तहत डेयरी संयंत्र की उपयोगिता बढ़ जाएगी। इससे किसानों के साथ-साथ दुग्ध संघ को भी अधिक से अधिक मुनाफा होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार डेयरी पर दूध लाने वाले किसानों से गोबर खरीदकर बिजली बनाएगी। इससे जहां एक ओर किसानों को अतिरिक्त आय होगी, वहीं गोबर का सही ढंग से इस्तेमाल भी होगा। संयंत्र से निकले गोबर अपशिष्ट से जैविक खाद तैयार की जाएगी।