नकुलनार. दंतेवाड़ा जिले में पीडीएस की दुकान कब खुलती है, कब बंद होती है, इसकी जानकारी खाद्य विभाग के अधिकारियों को भी नहीं है। यहां राशन दुकान संचालक अपनी मर्जी से दुकान खोलते और बंद करते हैं। इनकी मनमानी का खामियाजा ग्रामीणों को हर महीने उठाना पड़ता है।
परचेली ग्राम पंचायत के नडेनार, स्कूलपारा सहित ग्राम पंचायत के दूसरे पारा से ग्रामीण राशन लेने 10-10 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर कटेकल्याण तक पहुंचे थे। ग्रामीण अपने छोटे बच्चों के साथ दिनभर दुकान खुलने का इंतजार करते रहे। दुकान नहीं खुलने पर शाम को बिना राशन लिए लौट गए। राशन लेने पहुंची महिलाओं ने बताया परचेली गांव का राशन कटेकल्याण में मिलता है। दुकान किस किस दिन खुलती है ये पता नहीं चल पाता है।दुकान खुलने का कोई दिन निर्धारित नहीं है। बार-बार ग्रामीण अा नहीं पाते हैं अाैर इस वजह से कई परिवार हर महीने राशन से वंचित भी हो जाते हैं। परचेली की राशन दुकान ग्राम पंचायत द्वारा महिला समूह के माध्यम से चलाई जा रही है।
सो रहा है खाद्य विभाग!
खाद्य विभाग के अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि दुकान महीने में कितने दिन खुलती है? गरीबों को उनके राशन कार्ड का पूरा राशन मिल रहा है या नही, इसकी भी कोई निगरानी दंतेवाड़ा जिले के किसी भी ब्लाॅक में नहीं की जाती है।
ग्रामीणों को राशन दिलाया जाएगा: फूड इंस्पेक्टर
फूड इंस्पेक्टर अमित तिवारी ने कहा कि शनिवार और रविवार काे छाेड़कर दुकान हफ्ते में 5 दिन खोली जानी है। परचेली की दुकान क्याें नहीं खुल रही है, इसके बारे में पता कर ग्रामीणाें काे राशन दिलवाया जाएगा।