छत्तीसगढ़ में राम वनगमन मार्ग का महत्वपूर्ण केंद्र बलौदाबाजार जिले के तुरतुरिया एवं इसके नज़दीक स्थित लगभग 1 हज़ार साल पुरानी शिव मंदिर को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। मुख्य सचिव श्री आर.पी.मण्डल ने आज राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम के साथ इस सिलसिले में तुरतुरिया और नारायणपुर का दौरा किया। उन्होंने इन दोनों स्थलों तक लोगों के आसानी से पहुंच सहित उनके ठहरने, खाने-पीने और मनोरंजन के साधन विकसित करने की कार्य-योजना जल्द से जल्द तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने तुरतुरिया के बाल्मीकि आश्रम और बालमदेही नदी एवं नारायणपुर के नज़दीक बहनेवाली महानदी पर वाटर फ्रंट डेवलपमेंट और कॉटेज सुविधा विकसित करने कहा है। श्री मण्डल ने दोनों स्थानों के प्राकृतिक सुंदरता की खूब सराहना की और कहा कि राम वन गमन पथ के चिन्हित स्थलों का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधान मुख्य वन सरंक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, पर्यटन सचिव श्री अंबलगन, मुख्य वन सरंक्षक श्री एस.एस. डी. बड़गैया, कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल, एस पी नीतुकमल,डीएफओ श्री आलोक तिवारी, जिला सीईओ श्री आसुतोष पांडेय भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि भगवान राम अपने वनवास काल के दौरान कुछ समय तुरतुरिया के जंगल में बिताये थे। उन्होंने वाल्मीकि मुनि से आशीर्वाद लिया था। भगवान राम के दोनों पुत्र-लव और कुश की जन्म स्थली भी तुरतुरिया को माना जाता है।