बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन के लिए ‘घर—घर दस्तक’ देने पहुंच रही स्वास्थ्य विभाग की टीम को कई तरह के विचित्र मामलों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में आज भी वैक्सीनेशन को लेकर जहां खौफ का माहौल है, तो लोगों को यह तक लगता है कि वैक्सीन लगाने से उनकी जान तक जा सकती है। हाल में दो मामले सामने आए हैं, जिसमें से एक राजनांदगांव से है, जहां पर वैक्सीनेशन टीम को एक युवक ने फरसा लेकर दौड़ा दिया।
दूसरा मामला छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला अंतर्गत साजा ब्लॉक के ग्राम बेलतरा से सामने आया है। जहां पर एक ग्रामीण ने गजब तरह से तमाशा करना शुरु कर दिया। बेलतरा निवासी नान्हूराम के घर पर जब वैक्सीनेशन टीम पहुंची, तो वह जोर—जोर से चिल्लाने लगा। उसने वैक्सीनेशन टीम को रिस्क उठाने और वैक्सीन लगाने के बाद उसे कुछ होने पर परिवार की जिम्मेदारी उठाने की गारंटी देने के लिए मजबूर किया।
ग्रामीण नान्हूराम ने अपने बेटे को बुलाया। उसने कहा कि वह वैक्सीन लगवा रहा है, उसके बाद यदि उसे कुछ हो जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी वैक्सीन लगाने वालों की होगी। नान्हूराम का ड्रामा यहीं नहीं रूका, उसने लिखित में यह बात देने का दबाव बनाया और गवाह भी खड़े करने की बात कही। साथ ही मौके पर कोटवार के नहीं होने को लेकर भी उसने तमाशा करने का प्रयास किया।
आखिकार नान्हूराम की सभी बातों को स्वास्थ्य अमले ने स्वीकार किया, तब भी वह वैक्सीन लगावाने से बचने के लिए प्रयास करता ही रहा। यह एक अकेले नान्हूराम की बात नहीं है, बल्कि इस तरह के कई नान्हूराम प्रदेश में और मौजूद हैं, जो वैक्सीनेशन के लिए पहुंची टीम को इसी तरह से परेशान करने से बाज नहीं आते।