ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। मौजूदा दौर में शायद ही ऐसा कोई पहलवान (Wrestler) या सेहत बनाने (Bodybuilding) का शौकीन होगा जो रातों-रात कसरती बदन बनाने की चाहत में प्रोटीन और स्टेरॉयड (Fake Protein Steroids) लेने से आज वंचित हो। ऐसे युवाओं के लिए एक बुरी मगर सतर्क करने वाली खबर भी है। उनके लिए जो सेहत के मामले में कोई समझौता करना नहीं चाहते। उनके लिए जो बाजार में मौजूद स्टेरॉयड आंख बंद करके खरीद कर इस्तेमाल करने से पहले एक बार भी नहीं सोचते हैं। किस तरह उनके कसरती बदन बनाने का शौक पड़ सकता है उनकी जिंदगी पर भारी।
जी हां यह सच है कि अब आंख मूंद कर स्टेरॉयड खरीदने और फिर उसका इस्तेमाल करने वाले सावधान हो जाएं। बाजार में इन दिनों नकली स्टेरॉयड और प्रोटीन थोक में मौजूद है। खरीदने से पहले जिसकी सावधानीपूर्वक पहचान करना ही आपकी सेहत और जिंदगी दोनो को महफूज कर सकेगा। दरअसल बाजार में नकली स्टेरॉयड मौजूद होने का भांडाफोड़ देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के हाईटेक शहर ग्रेटर नोएडा में हुआ है। यहां गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस और स्थानीय औषधि नियंत्रण विभाग ने छापा मार एक ऐसी फैक्टरी को पकड़ा है, जिसमें बड़ी तादाद में नकली स्टेरॉयड का उत्पादन हो रहा था।
3 करोड़ से ज्यादा का नकली प्रोटीन जब्त
यह वही नकली प्रोटीन और स्टेरॉयड है, जिसका इस्तेमाल करने का क्रेज अक्सर बॉडी-बिल्डिंग से जुड़े लोगों में देखा जाता है। नकली स्टेरॉयड बनाने की यह फैक्टरी जिले के बादलपुर कोतवाली थाना इलाके में स्थित गांव बिसनुली में चल रही थी। छापे में यहां से औषधि विभाग की टीमों को करीब 3 करोड़ से भी ज्यादा कीमत का नकली प्रोटीन मिला है, जबकि डेढ़ से दो करोड़ के बीच स्टेरॉयड और 50 लाख से ज्यादा कीमत का अन्य सामान फैक्टरी के अंदर से औषधि नियंत्रण विभाग की टीमों ने पकड़ा है। टीम के साथ मौजूद पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, दो लोगों के मौके से भाग जाने की खबर है।
बॉयोटेक इंजीनियर है मास्टरमाइंड
जानकारी के मुताबिक फैक्टरी की शुरूआत अनुज, प्रवीण और सोमवीर ने की थी। मास्टरमाइंड अनुज चेन्नई स्थित एक नामी टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट से बॉयोटेक इंजीनियरिंग में डिग्री लिए हुए है। छह महीने पहले शुरू की गई इस फैक्टरी में नकली स्टेरॉयड दवाएं भी बनाई जाती थीं। दो कमरों के अंदर चलाई जा रही इस फैक्टरी के अंदर से करीब डेढ़ करोड के इंजेक्शन और दवाएं बरामद किए जाने की खबर है। साथ ही लाखों रुपए की मशीनें में जब्त कर ली गई हैं। जो स्टेरॉयड जब्त किया गया है वो आयातित (विदेशी इंपोर्टिड) बताया जाता है। इस बरामद स्टेरॉयड की पैकिंग के ऊपर रूस और बर्लिन छपा हुआ मिला है। हालांकि इन देशों से इस सबका क्या लिंक है? इसकी छानबीन अभी जारी है।
विदेशी बताकर गुमराह का रहे स्थानीय दुकानदार!
सोमवार को इन तमाम तथ्यों की पुष्टि ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने भी मीडिया से की। उनके मुताबिक, रूस और बर्लिन के नाम से किसी भी दवा या प्रोडक्ट का उत्पादन करना भी गैर-कानूनी है। यह हमारे यहां संभव ही नहीं है। लिहाजा ऐसे में आशंका इसी बात की लगाई जा रही है कि आरोपी स्थानीय दुकानदारों और ग्राहकों से, विदेश में निर्मित दवाईयों के नाम पर मोटी रकम फर्जीवाड़ा करके ऐंठने में भी जुटे हो सकते हैं। जब्त स्टेरॉयड हरियाणा में भेजा जा रहा था।
छापे की खबर लगते ही भागा आरोपी
वहां के लिंक्स तलाशने पर भी टीमें काम कर रही हैं। उधर छापे के दौरान धर-पकड़ में सहयोगी गौतमबुद्धनगर जिला पुलिस के एडिश्नल डीसीपी (अपराध) इलामारन ने भी इस बारे में मीडिया को कई जानकारियां दीं। उनके मुताबिक गिरफ्तार आरोपी अनुज कुमार मूल रूप से यूपी वाराणसी का रहने वाला है। बचन कुमार और प्रीतम सिंह क्रमश: खानपुर बुलंदशहर व अमोगपुर चंदौली (यूपी) के रहने वाले हैं। हरियाणा निवासी प्रवीण धनकड़ व सोमवीर भागने में कामयाब रहे।
लगातार पुलिस माँ रही छापा
उनकी तलाश में संभावित स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं. मास्टरमाइंड और फरार चल रहा मुख्य आरोपी अनुज इस काले कारोबार में उतरने से पहले हैदराबाद, मुंबई की कई बड़ी कंपनियों में नौकरी कर चुका था। वहीं से उसने नकली प्रोटीन और स्टेरॉयड बनाने का हुनर सीखा। इस कंपनी की शुरूआत करते ही अनुज हर महीने तीन लाख रुपए महीने की कमाई करने लगा था।