पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से परेशान जनता के लिए राहत भरी खबर है. सरकार ने त्योहारी सीजन पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर लोगों को राहत दी थी. इसके बाद अब एक बार फिर सरकार आम लोगों के हितों को देखते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाने के लिए योजना बना रही है.
सरकार बना रही है योजना!
भारत कच्चे तेल (Crude) की कीमतों में कमी लाने के लिए अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाकर अपने रणनीतिक तेल भंडार (Strategic oil reserve) से 50 लाख बैरल तेल की निकासी की योजना बना रहा है. यानी लोगों को फ्यूल की बढ़ती कीमत से निजात मिल सकती है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रणनीतिक भंडार से निकाले जाने वाले इस कच्चे तेल को मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को बेचा जाएगा.
दरअसल, ये दोनों सरकारी तेल कंपनी रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिये जुड़ी हुई हैं. अधिकारी ने बताया कि जल्दी ही इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि 7-10 दिनों में तेल निकासी की यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर भारत अपने रणनीतिक भंडार से और कच्चे तेल की निकासी का फैसला ले सकता है.
भारत में है रणनीतिक तेल भंडार
गौरतलब है कि पूरी दुनिया फ्यूल की बढ़ती महंगाई से बेहाल है. इस बीच भारत ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जारी तेजी के बीच अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर अपने आपातकालीन तेल भंडार से निकासी की योजना बनाई है. भारत के पश्चिमी एवं पूर्वी दोनों तटों पर रणनीतिक तेल भंडार स्थित हैं. इनकी कुल भंडारण क्षमता करीब 3.8 करोड़ बैरल है. अगर सरकार इस पर विचार करती है तो पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सकता है.
जानिए कैसे घटेंगी कीमतें?
भारत ही नहीं, दुनिया भर के देशों में फ्यूल की कीमतों को कम करने पर विचार किया जा रहा है. भारत के अलावा International Energy Agency (IEA) के 29 सदस्य देशों के पास स्ट्रैटजिक तेल भंडार है. इनमें अमेरिका ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. वहीं, चीन और अमेरिका के बाद जापान के पास सबसे बड़ा इमरजेंसी तेल भंडार है. चीन आईईए का एसोसिएट मेंबर है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है.
इमरजेंसी ऑयल रिजर्व को किया जा सकता है जारी
दरअसल, फ्यूल की किल्लत से परेशान अमेरिका के साथ-साथ चीन भी एमरजेंसी ऑयल रिजर्व को जारी करने पर विचार कर रहा है. ऐसे में, अगर ये देश अपने रणनीतिक तेल भंडार को रिलीज करते हैं तो इससे पूरी दुनिया में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है. यानी दुनिया को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महंगाई से राहत मिल सकती है. अक्टूबर के बाद, अभी कच्चे तेल की कीमत में नरमी आई है और यह 80 डॉलर के आसपास है. अमेरिका और चीन के रिजर्व ऑयल भंडार रिलीज करने से इसमें और कमी की उम्मीद जताई जा रही है.