Coronavirus Omicron Variant: वायरस (Virus) अपना स्वरूप बदलते रहते हैं, जिसके कारण उनके नए-नए वेरिएंट (Variant) बनते रहते हैं. आमतौर पर नए स्ट्रेन (Strain) या वेरिएंट के काम करने के तरीके में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आता. एक बार होस्ट यानी किसी शरीर में पहुंचने के बाद वायरस अपने तेजी से अपने आरएनए (RNA) की कॉपी बनाने लगता है, जिससे कि उसकी संख्या बढ़ती रहती है.
कई बार जब वायरस (Virus) अपनी संख्या बढ़ा रहा होता है तो उसमें गलती से या रेंडमली आरएनए के कॉपी ने गड़बड़ी आ जाती है, इसे ही वैज्ञानिक म्यूटेशन (Mutation) कहते हैं. इसके कारण उसका स्वरूप बदल जाता है और एक नया स्ट्रेन सामने आ जाता है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के साथ पिछले दो साल में आपने यह कई बार देखा ही है. कभी अल्फा (Corona Virus Alfa Variant) तो कभी डेल्टा वेरिएंट (Corona Virus Delta Variant) ने असमय लोगों को मौत के घाट उतार दिया. अब एक नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Coronavirus Omicron Variant) के आने से दुनिया डरी हुई है.
दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस (Coronavirus) में हो रहे इन बदलावों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. शोधकर्ता एक्सपर्ट की यह समझने में मदद कर रहे हैं कि कैसे कोरोना के कुछ स्ट्रेन अन्य के मुकाबले तेजी से फैलते हैं और ज्यादा लोगों को संक्रमित करते हैं. वह यह भी समझने का प्रयास कर रहे हैं कि अलग-अलग वैक्सीन (Corona Vaccine) कैसे इन अलग-अलग स्ट्रेन पर असर करती हैं.
Omicron क्यों पड़ा इस वेरिएंट का नाम
दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में ओमिक्रोन वेरिएंट (Corona Virus South Africa Variant) के मामले देखे गए हैं. WHO ने भी इस वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है और इसे वेरिएंट ऑफ कनसर्न कहा है. अब बात आती है इस वेरिएंट का नाम ओमिक्रोन ही क्यों पड़ा (How do viruses get their name). इसके लिए आपको ग्रीक अल्फाबेट को समझना होगा. ग्रीक अल्फाबेट की कुल संख्या 24 है जो हम आपको नीचे टेबल में बता रहे हैं.
किन-किन देशों ने लगाए प्रतिबंध?