सूरजपुर, जिले के नरेगा के भ्रष्टाचार के गढ़ कहे जाने वाले प्रेमनगर जनपद पंचायत में अनिमियता रुकने का नाम नही ले रहा है। जनपद पंचायत प्रेमनगर के मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक, नरेगा में विभाग में कार्यरत सहायक ग्रेड 3 सहित अन्य कर्मचारियों के मिली भगत से प्रेमनगर के विभिन्न पंचायतो में लॉक डॉउन का फायदा उठाते हुए फर्जी मास्टर रोल भर कर आपस में जेब भरने का कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है।
ग्राम नावापारा खुर्द के स्थानीय ग्रामीणों ने ही एक मामले से फर्जी मास्टररोल भरने की शिकायत व पड़ताल करने के बाद फर्जी मास्टर रोल भरे जाने का मामला सामने आया। समाचार प्रकाशन के बाद प्रेमनगर जनपद पंचायत के नरेगा कार्यक्रम अधिकारी व तकनीकी सहायक, एसडीओ ने बीते दिनों ग्राम का दौरा कर जांच की गई। जिसमें करीब 6 हजार रुपए फर्जी मास्टररोल भरे जाने की पुष्टि हुई।
सूत्र बताते है कि फर्जी मास्टररोल प्रेमनगर के ग्राम फुलकोना, भगवानपुर, कंचनपुर, ब्रम्हपुर, केदारपुर सहित अन्य ग्राम पंचायतों में फर्जी वाड़ा करके भुगतान किया गया है।
बतादें कि ग्राम विंध्यांचल रोजगार सहायक सुलेमान सिंह स्वयं को मजदूर बता कर मास्टररोल की राशि स्वयं के खाता में स्थान्तरण कर लिया है। जो दिखता हैं कि केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण योजना का लाभ जनता को ना मिल कर चिन्हाँकित अधिकारियों, कर्मचारियों को मिल रहा है।
घोटाले का खुलासा होने के बाद नरेगा के कार्यक्रम अधिकारी अपने कर्मचारियों के बचाव में उतर आये और सारा दोष ओपरेटर पर मढ़ दिया है। जबकि पंचायत के रोजगार सचिव द्वारा अपने परिवार तक का फर्जी मास्टररोल भरने का कार्य की जाती है।