रायपुर। विकास का पैमाना क्या होता है, आमजनता को न्याय कैसे मिले, प्रदेश का समावेशी विकास का आधार क्या है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन सवालों का जवाब दिया है। उनका मानना है कि सबसे पहले अधोसंरचना का विकास और फिर व्यक्ति का विकास होना चाहिए। अधोसंरचना विकास में भूमि, भवन, सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं। इन सबके विकास से व्यक्ति का विकास खुद—ब—खुद जुड़ जाता है।
इसके बाद व्यक्ति का विकास आता है, जिसमें सबसे जरुरी है उसका पोषण और आर्थिक विकास। सीएम बघेल का मानना है कि इंसान को उसकी मेहनत का उचित भुगतान होना चाहिए। जब तक वह संतुष्ट नहीं है, तब तक उसका विकास नहीं हो सकता और प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। सीएम बघेल ने कहा कि हमारे विकास की परिभाषा में व्यक्ति है, जिसका समावेशी विकास होना जरुरी है।
अनाज के मामले में आत्मनिर्भर
सीएम ने नवा छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के दौरान फिर दोहराया कि उनकी सरकार ने 2500 रुपए किसानों को देने की बात कही थी। चूंकि केंद्र सरकार का समर्थन मूल्य दर इससे कम है, इसलिए इसकी प्रतिपूर्ति के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना लायी गई। सीएम ने कहा कि
आज हिंदुस्तान अनाज के मामले में आत्मनिर्भर है। आज स्थिति यह है कि अगर तीन साल भी अकाल की स्थिति आ जाए तो अनाज की कमी नहीं होगी।
उचित उपयोग के लिए सोच
सीएम बघेल ने कहा कि अगर अनाज की अधिकता है तो इसके लिए यह देखना होगा कि अधिक अनाज को किस तरह से उपयोग किया जा सकता है। लिहाजा हमने चावल से एथेनॉल बनाने का सोचा है, इसके लिए केन्द्र सरकार से अनुमति माँग रहे हैं। फिलहाल अनुमति लंबित है, लेकिन मिल जाने पर किसानों को और भी ज्यादा लाभ मिलेगा, वहीं विदेशों से क्रूड ऑयल के लिए पेट्रोलियम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और क़ीमतों की समस्या में भी राहत मिलेगी।