देश के हर हिस्से में शराब के शौकीन हैं, हर राज्य में आबकारी नीतियां भी हैं, तो कई राज्यों की सरकार शराबबंदी को जरुरी मान रही है। बिहार में शराबबंदी हो चुकी है, नीतिश सरकार ने सख्त कानून लागू कर दिया है, इसके विपरीत बिहार में शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है, लोग कच्ची और जहरीली शराब का सेवन कर मौत को गले लगा रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार राज्य की जनता से शराब से दूर होने की अपील कर रहे हैं, बावजूद आदतन लोग नहीं सुधर रहे हैं। ऐसे में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने प्रदेश की जनता को ‘शराब पर ज्ञान’ देना शुरु कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री मांझी का कहना है कि शराब पीने में बुराई नहीं है, पर ‘थोड़ी—थोड़ी पीनी चाहिए’।
सरकार को नसीहत
वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान मांझी ने शराबबंदी पर सरकार (Bihar Government) को समीक्षा करने का सुझाव सरकार को दिया। मांझी ने कहा कि शराब आदिवासियों (Tribals) के देवताओं को चढ़ाया जाता है। इसके लिए अगर कोई शराब ले जाए तो वैसे लोगों को पकड़ना नहीं चाहिए। शराब पीना सेहत के लिए लाभदायक- मांझी जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी (Sharabbandi) की आड़ में गरीबों और दलितों को पकड़कर जेल में डाला जा रहा है, वह गलत है।
बड़े लोगों की तरह करें सेवन
उन्होंने कहा कि “बिहार में बड़े-बड़े अफसरों के साथ-साथ सांसद (MP), विधायक (MLA), ठेकेदार रात 10 बजे के बाद शराब का सेवन करते हैं।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल साइंस भी कहता है कि एक लिमिट में शराब लेना लाभदायक होता है। इसलिए दवा के रूप में शराब पीजिए। बिहार के शराबियों को सलाह देते हुए मांझी ने कहा कि “आप लोग भी उन बड़े लोगों की तरह अपने घरों में रात 10 बजे के बाद शराब पीजिए, किसी को पता नहीं चलेगा। आप लोग शराब पीकर रोड पर निकलते हैं तभी आप लोगों की गिरफ्तारी होती है।”