कोरबा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ में बन रहे लेमरू हाथी अभ्यारण्य में हसदेव नदी के मुख्य जल ग्रहण क्षेत्र को शामिल करने की मांग उठाई है। सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने इस संबंध में चिंता जताई कि, मोदी सरकार बड़े पैमाने पर कोल ब्लॉक की नीलामी करने जा रही हैं और राज्य सरकार से कोई परामर्श भी नही लिया है जो संघीय ढांचे पर हमला है। इस नीलामी में हसदेव अभारण्य के भी 5 कोल ब्लॉक शामिल है, जो घने वन क्षेत्र वाले हैं।
सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कहा कि वर्ष 2015 में कांग्रेस राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरबा जिले के ग्राम मदनपुर, कुदमुरा, पहुंचकर आदिवादियों के साथ चौपाल लगाकर चर्चा की थी। राहुल गाँधी के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे वन क्षेत्र में प्रस्तावित कोल खनन परियोजनाओं को सतत एवम स्थायी विकास के विपरीत मानकर आदिवासियों को यह भरोसा दिलाया था कि उनका विस्थापन नही होगा और इसलिए क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व में शामिल कर इसे संरक्षित किया जाएगा
सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ सरकार ने अपना वादा निभाते हुए लेमरू हाथी अभ्यारण बनाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। क्षेत्र चयन में किन्हीं कारणों से कोल ब्लॉक वाले सबसे समृद्ध वन क्षेत्र ग्राम मदनपुर एवं कुदमुरा परियोजना में शामिल होने से शेष रह गया है। हसदेव नदी पर स्थित बांगो बांध जो कि जांजगीर और रायगढ़ जिले को सिंचित करता हैं, उसका जल ग्रहण क्षेत्र भी प्रस्तावित रिजर्व में शामिल नही हैं यदि इस क्षेत्र में कोल खनन शुरू हुआ तो बांध का जल ग्रहण क्षमता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा आपको बता दें कि यह क्षेत्र समृद्ध जैव विविधता वाला भी हैं जिसे बचाया जाना आवश्यक हैं।
सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने तत्काल इस मामले कों संज्ञान में लेते हुए कहा कि कोरबा क्षेत्र के आदिवासियों एवं वन्य क्षेत्र तथा वन्य जीवों को सरंक्षित करने की नितांत आवश्यकता हैं । जिससे इस सम्पूर्ण हसदेव अभरण्य क्षेत्र को बचाया जा सके ।