कोरबा के कुदमुरा वन परिक्षेत्र में अचानक बीमार हुए गजराज की हालत 24 घंटे बाद भी गंभीर बनी हुई है। कोरबा से गये वेटनरी डॉक्टरों की टीम ने बीमार हाथी को ड्रीप लगाने के साथ ही इलाज का भरसक प्रयास किया गया, लेकिन हाथी के शरीर मे अब भी ज्यादा हलचल नही देखी जा रही है। 24 घंटे बाद भी हाथी खड़ा नही हो सका है। गौरतलब है कि कोरबा के कुदमुरा वन परिक्षेत्र में एक 7 साल का हाथी जंगल से भटक कर रविवार की दोपहर 1 बजे के लगभग गुरमा गाँव के बस्ती में घुस आया था। ये बीमार हाथी एक ग्रामीण के घर के आंगन में घुसने के बाद अचानक गिरकर तड़पने लगा था।
ग्रामीणों ने इस घटना को देखने के बाद सबसे पहले कोरबा DFO और SDO को मोबाइल पर घटना की जानकारी देने का प्रयास किया गया,लेकिन दोनों जवाबदार अफसरों का मोबाइल कवरेज से बाहर होने के कारण संपर्क नही हो सका था। किसी तरह वन विभाग को जानकारी मिलने के बाद विभाग के अफसर घटना के 3 घंटे बाद शाम करीब 4 बजे मौके पर पहुचे, तब तक हाथी की तबियत और भी ज्यादा बिगड़ चुकी थी। इस पूरे घटनाक्रम में क्लेक्टर किरण कौशल को घटना की जानकारी होते है हाथी के हालत में सुधार के लिए तत्काल जिला मुख्यालय से डॉक्टरों की टीम को मौके के लिए रवाना किया गया। जिसके बाद देर शाम करीब 6 बजे वेटनरी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के साथ 4 डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुची और फिर हाथी का इलाज शुरू हो सका।
देर रात 10 बजे तक डॉक्टरों की टीम ने हाथी को करीब 14 बॉटल ड्रिप लगाकर उसकी स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया गया। लेकिन इसके बाद भी हाथी की तबियत में ज्यादा सुधार नही देखा जा रहा है। उधर कलेक्टर किरण कौशल ने हाथी के बेहतर इलाज के लिए रायपुर से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की मदद मांगी गई थी, जो कि देर रात कुदमुरा पहुच गए है। वाइल्ड लाइफ के विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में 7 साल के बीमार हाथी का इलाज जारी है, लेकिन स्थानीय सूत्रों की माने तो बीते 24 घंटे बाद भी हाथी के हालत में ज्यादा सुधार नही देखा जा रहा है।