हथियार निर्यात के मामले में भारत ने कदम बढ़ाया है। फिलीपिंस ने भारत के साथ सुपरसॉनिक एंटी शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos Missile) की खरीदी को मंजूरी दे दी है। 37 करोड़ 40 लाख डॉलर की इस डील के लिए दोनों देश जल्द ही समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
दरअसल, फिलीपींस अपने द्वीपों पर चीन के अधिकार जताए जाने और आसपास की गतिविधियों से परेशान है। ऐसे में भारत-रूस की ओर से मिलकर बनाई गई ब्रह्मोस मिसाइल पर फिलीपिंस ने भरोसा जताया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही एक दक्षिण पूर्व एशियाई देश वियतनाम भी भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) खरीदी के लिए समझौता कर सकता है।
कहीं से मार कर सकता है
भारत-रूस संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस की ओर से बनाई गई इस मिसाइल को पनडुब्बी, पोतों, विमान या जमीन से प्रक्षेपित यानी फेंका जा सकता है। ये क्रूज मिसाइल ध्वनि की गति से करीब तीन गुना तेजी से उड़ान भरती है। ये मिसािल करीब 290 किलोमीटर दूरी तक मार सकता है।
क्या होती है सुपरसॉनिक मिसाइल
भारत में ये मिसाइल डीआरडीओ की ओर से बनाई जा रही है। कम दूरी की ये रैमजेट, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विश्व में अपनी श्रेणी में सबसे तेज रफ्तार वाली मिसाइल है। इसे पनडुब्बी, पानी के जहाज, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। ये रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। इस मिसाइल को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को सौंपा जा चुका है।