रायपुर/नोएडा। उत्तरप्रदेश (UP) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर रणभेरी बज चुकी है। भाजपा (BJP), कांग्रेस (Congress), समाजवादी पार्टी (SP), बसपा (BSP) सहित सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों (Candidate) के नामों की घोषणा कर दी है, तो प्रचार अभियान (Campion) भी शुरु हो चुका है। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के लिए कांग्रेस आलाकमान ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) को वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। जिसके चलते वे लगातार यूपी दौरा और अब प्रचार में जुट गए हैं, जहां रविवार को उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है।
सीएम बघेल (CM Baghel) पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए महामारी कानून का उल्लंघन किया है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ आचार संहिता और महामारी कानून के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है। भूपेश बघेल नोएडा क्षेत्र के गांवों में कांग्रेस की प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक (Pankhudi Pathak) का चुनाव प्रचार करने गए थे। जहां नोएडा (Noida) के सेक्टर 113 थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। नोएडा विधानसभा क्षेत्र के उप निर्वाचन अधिकारी एवं दादरी तहसील के उप जिलाधिकारी ने दर्ज कराई है।
FIR के पीछे बताई जा रही यह वजह
निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रैली-जुलूस और जनसभा आदि को प्रतिबंधित किया हुआ है। गाइडलाइन के मुताबिक एक दल में केवल पांच लोगों की टोली घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर सकती है। प्रशासन ने अपनी FIR में बताया है कि भूपेश बघेल के साथ प्रचार में तय मान से अधिक लोग शामिल थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने दिया करारा जवाब
इस मामले को लेकर सीएम भूपेश बघेल (CM Baghel) ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) पर निशाना साधा है। सीएम बघेल ने कहा कि उनके साथ सुरक्षा बल के जवान, यूपी की पुलिस, पत्रकार और जनता थी और प्रत्याशी का होना स्वाभाविक है। ऐसे में FIR उनपर अकेले क्यों की गई है, इसका स्पष्टीकरण आना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग शुरुआत से ही निष्पक्ष नहीं है, तो भविष्य में कैसी उम्मीद की जा सकती है।