भारत में ओमिक्रॉन के मामले (omicron cases in india) लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों की कम सतर्कता और लापरवाही इसका कारण बन रही है। वहीं जैसा कि विषेशज्ञों ने पहले ही आगाह कर दिया था कि कोरोना के नए वेरिएंट यानी ओमिक्रॉन का बच्चों पर असर ज्यादा देखने को मिल सकता है, जानकारों की बात सही साबित हो रही है। तीसरी लहर में कई बच्चे भी चपेट में आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओमिक्रॉन के आने के बाद 5 साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। इनमें से कई बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता को वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है। भारत में कोरोना की चपेट में बच्चे के आंकड़े चिंता का विषय है।
छत्तीसगढ़ की बात करें तो प्रदेश में ओमिक्रॉन ने बच्चों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। स्कूलों में इसका असर ज्यादा दिख रहा है।
- रायगढ़ स्थित नवोदय विद्यालय में 35 से ज्यादा बच्चे और स्टाफ कोरोना की चपेट में आ आ चुके हैं।
- रायपुर में भी कई बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। इनकी उम्र 6 से 15 वर्ष के बीच है।
- वहीं हाल ही में कोंडागांव के नवोदय विद्यालय में 136 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं।
- प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी कई बच्चें ओमिक्रॉन की जद में आ चुके हैं।
बच्चे क्यों हो रहे संक्रमित?
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की इस लहर में ज्यादा बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि कोरोना वायरस बच्चों के लिए ज्यादा घातक है, बल्कि इसलिए है क्योंकि कोरोना महामारी की पिछली लहर की तुलना में इस बार समग्र संक्रमण बहुत ज्यादा है। जानकारों की मानें तो ‘कोविड -19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) को लेकर एक धारणा है कि यह हमारे फेफड़ों और निचले श्वसन पथ (lower respiratory tract) की तुलना में ऊपरी श्वसन पथ (upper respiratory tract) को ज्यादा संक्रमित करता है। बच्चों का ऊपरी श्वसन पथ विकसित हो रहा होता है तो शायद यह एक कारण है कि बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। हालांकि बच्चे अभी भी वयस्कों की तुलना में ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं।
सावधानी जरूरी
विशेषज्ञों की मानें तो डेल्टा वैरिएंट (delta variant) से संक्रमित हो चुके लोग भी ओमिक्रॉन की चपेट में आ रहे हैं। उनका कहना है कि जब कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित होता है तो उसकी इम्युनिटी बन जाती है। यह आपको भविष्य में वायरस से लड़ने का बेहतर मौका देती है। कोरोना से बचाव का एक ही उपाय है और वो है ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतना।
बच्चों को वैक्सीन: सरकार ने पार किया 50 प्रतिशत का लक्ष्य, 10 दिनों में शत प्रतिशत टीकाकरण
क्या है छत्तीसगढ़ की स्थिति?
छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले (corona cases in chhattisgarh) चिंताजनक हैं। बिलासपुर में ओमिक्रॉन (Omicron in Bilaspur) के 3 मामलों की पुष्टि हुई है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron cases in chhattisgarh) के अब तक 8 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। जिसमें से 4 बिलासपुर और 4 रायपुर के हैं। पहले के 5 मरीज रिकवर हो चुके हैं। इन आंकड़ों में लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। बच्चों की बात करें तो मौजूदा हालात को देखते हुए बच्चों के प्रति ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है। क्योंकि प्रदेश के ज्यादा स्कूलों से लगातार बच्चों के संक्रमित होने की खबर आ रही है।
वैक्सीनेशन की स्थिति क्या है?
देश में बच्चों का टीकाकरण (CoronaVaccine For Children) जोरों पर है। भारत में 50 फीसदी बच्चों/किशोरों का टीकाकरण हो चुका है। CoWIN पोर्टल के मुताबिक 15-18 आयु वर्ग में 3,45,35,664 वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। इस आयु वर्ग करीब साढ़े 7 करोड़ बच्चे हैं। जिस रफ्तार से 15 से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों में टीकाकरण हो रहा है उससे उम्मीद की जा रही है कि फरवरी के अंत तक उस आयु वर्ग का टीकाकरण हो जाएगा। जिसके बाद 12 से 14 आयु वर्ग में टीकाकरण शुरू कर सकते है।
छत्तीसगढ़ में कितने व्यस्कों को वैक्सीन?
छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां भी सरकार ने पहली डोज के मामले में 50 प्रतिशत का आंकड़ा छू लिया है। प्रदेश भर में अब तक 8 लाख 14 हजार 097 किशोरों को टीका लगाया जा चुका है। राज्य में इस आयु वर्ग के कुल 16 लाख 39 हजार 811 किशोरों को टीका लगाया जाना है।
बच्चों के लिए राहत भरी खबर
इस बीच बच्चों के लिए राहत की बात ये है कि अब भारत में अब 15 साल ही नहीं बल्कि 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को को टीका (Corona vaccine to children above 12 years) लगाया जाएगा। दवा नियामक ड्रग कंटोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन (Bharat Biotech’s Covaxin) को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। बता दें कि इससे पहले, भारत बायोटेक ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को कोवैक्सीन के लिए 2 से 18 वर्ष आयु वर्ग का क्लीनिकल डाटा प्रस्तुत किया था।
जायकोव-डी को भी मिल चुकी है अनुमति
कोवैक्सीन से पहले भारत में जायडस कैडिला की स्वदेशी वैक्सीन जायकोव-डी (Jaykov-D) को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए अनुमति दी जा चुकी है। भारत बायोटेक और जायडस कैडिला के अलावा भारत में बच्चों के लिए दो अन्य वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इनमें एक वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की कोवावैक्स (covavax) है। जिसे डीसीजीआइ सितंबर में 7 से 11 साल के बच्चों पर इसके ट्रायल की अनुमति दे चुका है। इसी तरह बायोलाजिकल ई की कोरबेवैक्स को भी 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए ट्रायल की अनुमति दे दी गई है।
सरकार का फैसला
सरकार की तैयारियों या फैसलों की बात करें तो लगभग सभी राज्यों ने स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। जिनमें-
- छत्तीसगढ़ में स्कूल बंद कर दिए गए हैं, लेकिन ऑनलाइन मोड में पढ़ाई जारी है। हालांकि छत्तीसगढ़ में कुछ कॉलेज खुले हैं और कक्षाएं चल रही हैं।
- मध्य प्रदेश में 31 जवनरी तक स्कूल बंद हैं।
- महाराष्ट्र में 15 फरवरी तक
- गुजरात में 31 जनवरी तक
- पश्चिम बंगाल सरकार 3 जनवरी से स्कूल बंद करने की घोषणा कर चुकी है।
- उत्तर प्रदेश में 23 जनवरी तक सभी शैक्षणिक संस्थाएं बंद करने का फैसला लिया है।
- राजस्थान में 30 जनवरी तक स्कूल बंद हैं।
- दिल्ली में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
- उत्तराखंड में शीतकालीन अवकाश को आगे बढ़ा दिया है।
- बिहार में 21 जनवरी तक स्कूल बंद करने का आदेश है।
- हरियाणा में 26 जनवरी तक स्कूल बंद रहेंगे।
- पंजाब में 25 जनवरी तक शैक्षणिक संस्थाएं बंद रहेंगी।
- तमिलनाडु सरकार भी स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर चुकी है।
- पुदुचेरी में भी आगामी आदेश तक स्कूल बंद रहेंगे।
- तेलंगाना में स्कूल बंद हैं।
- उड़ीसा में 1 फरवरी तक स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल सब बंद हैं।
- गोवा में 26 जनवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे।
- झारखंड सरकार ने भी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने का आदेश दिया है।
- चंडीगढ़ में भी अगली सूचना तक के लिए शैक्षणिक संस्थाओं को बंद कर दिया गया है।
- हिमाचल प्रदेश में 26 जनवरी तक स्कूल बंद रहेंगे।
- असम में 30 जनवरी तक स्कूल बंद रहेंगे।