दंतेवाड़ा। चारों ओर पहाड़ों से घिरा हरी-भरी वादियो के बीच प्राकृतिक और धार्मिक महत्व का स्थान दंतेवाड़ा अब अपनी एक ओर खासियत के लिए पहचाना जाएगा। यहां स्थित डंकिनी नदी के तट पर विकसित हो रहे एडवेंचर स्पोर्ट्स पार्क (Adventure Sports Park) जल्द ही लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। यहां साहसिक खेलों और मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए बस्तर संभाग का पहला एडवेंचर पार्क (adventure park) स्थापित किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (डीएमएफ) मद के तहत जिला प्रशासन एवं वन विभाग की ओर से संयुक्त रूप से कराया जा रहा है।
एडवेंचर पार्क (adventure park) में संचालित होने वाली साहसिक खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण से पर्यटकों और नागरिकों को अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने का महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में शासन-प्रशासन की पहल से विकसित किया जा रहा ये पार्क दंतेवाड़ा जिले के पर्यटन विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। इसके तहत सायकल जिप लाइन के निर्माण सहित अन्य सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा दंतेवाड़ा और इसके आसपास ढोलकल और सातधार आदि महत्वपूर्ण जगहों तक पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
AMAZING NEWS : रस्सी कूद रही थी एक महिला, कि फट गई जमीन और समा गई वह, फिर क्या हुआ पढ़िए पूरी खबर
पर्यटकों की रुचि का केंद्र बनेगा दंतेवाड़ा
एडवेंचर पार्क एक आधुनिक व्यायाम प्रक्रिया साधन है। जिसमें जिप लाइन, साइकिल जिप लाइन, किड एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे रस्सी द्वारा निर्मित पुल, हवा में ऊपर छलांग लगाने वाला कमरबंद झूला आदि साहसिक खेल प्रदर्शन के माध्यम से नई विधियों और तकनीकों से परिचय कराना है। इसे ध्यान में रखते हुए खेल प्रशिक्षकों और खेल वैज्ञानिकों द्वारा पार्क के माध्यम से नवीनतम और प्रभावी जानकारी दी जाएगी। साथ ही ये पर्यटन के क्षेत्र में पर्यटकों की रुचि का केन्द्र और दंतेवाड़ा जिले की प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा।
अन्य धरोहरों का विस्तार
इस कड़ी में जिले के अंतर्गत पर्यटन के क्षेत्र में ढोलकल पहाड़ी में प्राचीन भगवान गणेश जी की प्रतिमा (Lord Ganesha Statue) विश्व-विख्यात है। यहां देश-विदेश से पर्यटक दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ढोलकल में बस्तर और छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शैली अनुसार पर्यटकों के रुकने की उत्तम व्यवस्था और पारंपरिक खान-पान से संबंधित गढ़कलेवा को स्थानीय रोजगार से जोड़ने की महत्वपूर्ण योजना भी बनाई जा रही है। इस तरह परंपरागत बस्तर समेत छत्तीसगढ़िया खान-पान को समाहित करते हुए अत्याधुनिक कॉटेज हट अपने आप में आधुनिकता को पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण और लोकप्रियता के साथ प्रदर्शित करेंगे।