रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार (Speed of Corona in Chhattisgarh) कम नहीं हो रही है, लेकिन अच्छी बात यह है कि संक्रमित होने वालों के मुकाबले स्वस्थ होने वालों की तादाद में लगभग बराबरी पर आ गया है, जिसकी वजह से एक्टिव मरीजों (Active Patient’s) की संख्या भी स्थिर हो गई है। वहीं इस तीसरे लहर (Third Wave) में हजारों मरीज कोरोना की चपेट में आए जरुर हैं, पर पुरानी जैसी गंभीर स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है, जिसकी वजह से प्रदेश में की गई पूरी तैयारी जस की तस है।
इस तीसरी लहर (Third Wave) को लेकर राजधानी से लेकर प्रदेश में संचालित सभी कथित बड़े और सुपरस्पेशिलिटी अस्पतालों (Super specialty Hospital’s ) ने भी तैयारियां कर रखी थी, लेकिन इस लहर ने उनका साथ नहीं दिया, जिसकी वजह से निजी अस्पतालों (Private Hospital’s) की अंधेरगर्दी कमाई खटाई में पड़ गई है। हकीकत यह है कि प्रदेश में सरकारी व्यवस्थाओं का भी पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पा रहा है, जबकि राज्य सरकार (State Govt.) ने तीसरी लहर की खौफ और आशंकाओं को देखते हुए प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए बेड्स की संख्या बढ़ा दी थी।
ऐसी की गई थी तैयारी
स्वास्थ्य विभाग (State Health Department) के मुताबिक प्रदेश भर के अस्पतालों में अभी 22 हजार 551 बेड मौजूद हैं। इनमें 10 हजार 324 ऑक्सीजन (Oxygen) की सुविधा वाले, एक हजार 390 ICU बेड, एक हजार 169 वेंटिलेटर (Ventilator) बेड भी शामिल हैं। इन सुविधाओं के बीच प्रदेश भर में केवल एक हजार 61 लोगों को भर्ती कराने की जरूरत पड़ी है। इनमें भी अधिकतर मरीज ऐसे हैं, जिन्हें दूसरी बीमारियों के लिए अस्पताल लाया गया था, वहां कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया।
बच्चों के लिए खतरा बढ़ा
हम यह जानकर काफी खुश हैं कि तीसरी लहर की चपेट में आने वाले ज्यादातर लोग 5 से 7 दिनों के भीतर स्वस्थ होकर सुरक्षित अपने घर लौट जा रहे हैं, लेकिन यहां पर समस्या सबसे ज्यादा बच्चों की है। प्रदेश में बड़ी तादाद में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन जांच नहीं कराए जाने की वजह से वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल रहा है।
गनीमत सिर्फ इतना ही
इस पूरे मामले में यदि सही मायने में देखा जाए तो कोरोना से प्रभावित होने के बावजूद भी बच्चे स्वस्थ हो जा रहे हैं, किसी तरह की अप्रिय स्थिति का सामना नहीं करना पड़ रहा है, यह गनीमत है, लेकिन भविष्य में इसका कितना दुष्प्रभाव सामने आएगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।