देश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। भारत में अब ओमीक्रॉन भी अपनी रफ़्तार ले लिया है। यहाँ सभी को बच्चों से लेकर बूढ़ो तक भी कोई भी संक्रमित हो सकता है। ऐसे में क्या नहीं है जरुरी मास्क लगाना या अपने आप को इससे बचना !
सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता के बावजूद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एंटीवायरल या मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती है। यदि स्टेरॉयड का उपयोग किया जाता है तो उन्हें नैदानिक सुधार के आधार पर 10 से 14 दिनों में इसकी खुराक कम करते जाना चाहिए।
ALSO READ : BREAKING NEWS : भारत के पूर्व क्रिकेटर हुए कोरोना पॉजिटिव,सोशल मीडिया पर ट्वीट कर दी जानकारी
मंत्रालय ने कहा कि 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को वयस्कों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए। हाल में संक्रमण के मामलों खासकर ओमिक्रोन स्वरूप के कारण मामलों में वृद्धि के मद्देनजर विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई। मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों के उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि OMICRON स्वरूप के कारण होने वाली बीमारी कम गंभीर है। हालांकि, महामारी की लहर के कारण सावधानीपूर्वक निगरानी की जरूरत है।
ALSO READ : BREAKING NEWS : भारत के पूर्व क्रिकेटर हुए कोरोना पॉजिटिव,सोशल मीडिया पर ट्वीट कर दी जानकारी
एक नजर में गाइडलाइंस की अहम बातें –
– 5 साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क जरुरी नहीं।
– 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चे व्यस्कों की तरह मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
– 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए एंटीवायरल मोनोक्लोनरल एंटीबॉडी की सलाह नहीं दी गई है।
– कोविड-19 के माइल्ड केसों में स्टेरॉयड का इस्तेमाल घातक है।
– कोविड-19 के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही समय पर करना जरूरी है। सही दिशा में सही डोज दिया जाना जरूरी है।
– बच्चों के असिम्टोमैटिक होने या माइल्ड केस मिलने पर उन्हें रुटीन चाइल्ड केयर मिलना जरूरी है। अगर योग्य हैं तो वैक्सीन जरूर दी जाए।
– बच्चों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद परिजनों की काउंसलिंग की जाए। उन्हें बच्चों का केयर करने और सांस संबंधी दिक्कतों को लेकर जानकारी दी जाए।
– कोविड-19 के इलाज के दौरान अगर अस्पताल में किसी बच्चों को किसी अन्य अंग में समस्या आती है तो उसका उचित इलाज किया जाए।
– 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चे व्यस्कों की तरह मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
– 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए एंटीवायरल मोनोक्लोनरल एंटीबॉडी की सलाह नहीं दी गई है।
– कोविड-19 के माइल्ड केसों में स्टेरॉयड का इस्तेमाल घातक है।
– कोविड-19 के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही समय पर करना जरूरी है। सही दिशा में सही डोज दिया जाना जरूरी है।
– बच्चों के असिम्टोमैटिक होने या माइल्ड केस मिलने पर उन्हें रुटीन चाइल्ड केयर मिलना जरूरी है। अगर योग्य हैं तो वैक्सीन जरूर दी जाए।
– बच्चों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद परिजनों की काउंसलिंग की जाए। उन्हें बच्चों का केयर करने और सांस संबंधी दिक्कतों को लेकर जानकारी दी जाए।
– कोविड-19 के इलाज के दौरान अगर अस्पताल में किसी बच्चों को किसी अन्य अंग में समस्या आती है तो उसका उचित इलाज किया जाए।