नई दिल्ली। ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variants) के हल्के होते असर के बीच एक और वेरिएंट ने दुनियाभर के तमाम देशों की चिंता बढ़ा दी है। वुहान (wuhan) में वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट नियोकोव (NeoCoV) की चेतावनी दी है, जो वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका में फैल रहा है। न्यू स्ट्रेन कथित तौर पर मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम MERS-COV से संबंधित है। रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, NeoCoV जो पहली बार दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में पाया गया था, उसकी मृत्यु और संचरण दर अधिक है।
‘हर 3 मरीज में से 1 की मौत’
हालांकि, स्पुतनिक ने दावा किया कि 2012 और 2015 की तरह नियोकोव नया नहीं है, यह मध्य पूर्वी देशों में खोजा गया था। चीन के वुहान के वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में मिला है। इसमें हर 3 मरीजों में से 1 की जान जा सकती है। हालांकि चीन के वैज्ञानिकों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि 2020 में कोरोना महामारी वुहान से ही फैली थी।
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रूसी वैज्ञानिकों ने दिया ये तर्क
दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में नियोकोव वेरिएंट (Neokov Variants) चमगादड़ के अंदर देखा गया है। इससे पहले जानवरों में भी यह मिला था। bioRxiv वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में कहा गया कि नियोकोव और उसका सहयोगी वायरस PDF-2180-CoV इंसानों को संक्रमित कर सकता है। वुहान यूनिवर्सिटी और चाइना अकादमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ता भी ऐसा ही कहते हैं। उनके अनुसार, सिर्फ एक म्यूटेशन के बाद यह इंसानों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है। हालांकि रूस के वायरोलॉजी और बॉयोटेक्नालॉजी विभाग का तर्क यह भी है कि इस वेरिएंट के इंसानों में फैलने की क्षमता कम है। फिर भी इस पर रिसर्च करने की जरूरत है।
कोरोना का अंत नहीं है ओमिक्रॉन!
हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया डॉट कॉम ने एक बयान के हवाले से बताया, ‘वेक्टर अनुसंधान केंद्र चीनी शोधकर्ताओं द्वारा NeoCoV कोरोना वायरस पर प्राप्त आंकड़ों से अवगत है. फिलहाल, मुद्दा मनुष्यों के बीच एक्टिव रूप से फैलने में सक्षम एक नए कोरोना वायरस के उभरने का नहीं है.’ आपको बता दें कि यह कोविड -19 पर WHO के तकनीकी नेतृत्व के बाद आता है. इसके अलावा एक अन्य विशेषज्ञ मारिया वैन केरखोव ने दावा किया कि ओमिक्रॉन कोरोना वायरस का अंतिम संस्करण नहीं होगा और भविष्य में और भी हो सकता है।