पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. एलएसी पर सोमवार रात को चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. भारतीय सेना की ओर से हुए पलटवार में चीन के 43 सैनिक घायल होने की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रात में एलएसी के पार चीनी हेलिकॉप्टर देखी गई. हेलिकॉप्टर मृत और घायल जवानों को ले जाने के लिए आया था.
इस पूरी घटना पर भारतीय सेना ने बयान जारी किया है. इसमें सेना ने कहा कि 15 जून की रात को गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी. इस घटना में 20 सैनिक शहीद हुए हैं. घटना पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने हमेशा एलएसी का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि एलएसी पर कल जो हुआ उससे बचा जा सकता था. दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है. चीन ने आपसी सहमति का सम्मान नहीं किया. हम शांति को प्रतिबद्ध हैं, लेकिन संप्रभुता बनाए रखेंगे.
रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी को हालात की दी जानकारी एलएएसी पर हुई इस झड़प के बाद दिल्ली में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बैठक हुई. वहीं, राजनाथ सिंह ने इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को फोन पर दी. तो वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम आवास जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की.
45 साल बाद हिंसक झड़प लद्दाख इलाके में यह 1975 के बाद पहला ऐसा मौका है, जब सैनिक चीनी सीमा पर शहीद हुए हैं. सीमा पर 45 साल बाद इस तरह की खूनी झड़प हुई है. सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना को भी काफी नुकसान हुआ है.