देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से ऐसा अनुमान था कि देश में जितने भी 500 और एक हजार के पुराने नोट थे, वे बैंक में जमा हो गए हैं। लेकिन असलियत कुछ और ही है। शिर्डी के साईबाबा मंदिर (Saibaba Temple Shirdi) में अब भी पुराने नोटों का दान किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंदिर की तिजोरी से करीब 3 करोड़ पांच लाख के पुराने नोट मिले हैं। इससे मंदिर प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
शिर्डी साईं संस्थान (Shirdi Sai Institute) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाग्यश्री बनायत ने कहा कि हमने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजा था। उन्होंने रिजर्व बैंक को इस संबंध में फैसला लेने का निर्देश दिया। इसके साथ-साथ हम रिजर्व बैंक के संपर्क में भी हैं और जल्द ही समाधान की उम्मीद करते हैं।
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संस्था ने जमा करा दिए थे सारे नोट
बता दें कि 8 नवंबर, 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी (demonetisation) की घोषणा की थी। उसके बाद 31 दिसंबर 2016 तक पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने का समय दिया गया था। इस दौरान साईं संस्थान ने हर दिन दान पेटियां खोलीं, रुपयों की गिनती की और तुरंत पुराने नोट बैंक में जमा करा दिए।
चैरिटी कमिश्नर की देखरेख में होता है काम
नियम के मुताबिक मंदिरों की दान पेटी को चैरिटी कमिश्नर की मौजूदगी में खोला जाता है, गिनती की जाती है। पुराने नोट मिलने पर एक अलग रिकॉर्ड बनाया जाता है। इसके बाद चैरिटी कमिश्नर के प्रतिनिधी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हैं। इसके बाद पैसों को तिजोरी में रखा जाता है।