- नीतियों और क्रियान्वयन एजेंसी तय करने अधिकार संपन्न मंत्रिमण्डल समिति की अनुशंसा
- मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में हुआ मंथन
रायपुर। प्रदेश में विभिन्न विभागों, निगम, मंडलों, कंपनियों और बोर्ड के अधीन स्वामित्व की अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास एवं सदुपयोग (Systematic development and utilization of unused government land) के संबंध में अधिकार संपन्न मंत्रिमंडल समिति की बैठक (Empowered Cabinet Committee meeting) संपन्न हुई। बैठक में मंत्रिमंडल समिति द्वारा अनुपयोगी शासकीय जमीन के व्यवस्थित विकास एवं सदुपयोग के लिए नीतियों और क्रियान्वयन एजेंसी तय करने के लिए अनुशंसा की गई। अब नीतियों और क्रियान्वयन एजेंसी क/बिनेट स्तर पर तय होगी।
बता दें कि राज्य शासन द्वारा उपरोक्त अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास एवं उपयोग एवं सदुपयोग के लिए मंत्रिगणों की एक अधिकार सम्पन्न समिति का गठन किया गया है। समिति में लोक निर्माण मंत्री, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री शामिल हैं। उच्चस्तरीय समिति की बैठक में सरकारी विभाग, निगम-मंडलों के अनुपयोगी खाली पड़े भूमि की विकास योजना पर विचार-विमर्श किया गया।
पुनर्विकास पर विचार विमर्श
मंत्रीमंडलीय समिति की उच्चस्तरीय बैठक में मध्यप्रदेश की तर्ज पर शासकीय विभागों, निगम-मंडलों के रिक्त पड़े जमीनों के बेहतर पुनर्विकास, जीर्ण-शीर्ण भवनों का जीर्णोद्धार सहित जमीनों का क्रियान्वयन एजेंसी को हस्तांतरण के संबंध में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद
अधिकार संपन्न मंत्रिमंडल समिति की बैठक में लोक निर्माण एवं गृृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, आवास, पर्यावरण एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी, सहकारिता विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता, एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं आयुक्त हाउसिंग बोर्ड डॉ.अय्याज तंबोली, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के संचालक जयप्रकाश मौर्य, आरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिजीत सिंह सहित संबंधित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।