नई दिल्ली। आज राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखी। सदन में प्रधानमंत्री मोदी का तेवर आज अलग ही अंदाज में था। उन्होंने कांग्रेस पर ना केवल निशाना साधा, बल्कि उसके अस्तित्व को लेकर करारा प्रहार भी किया। पीएम मोदी ने कहा देश आज भी लोकतंत्र की कसौटी पर है, सवाल हमेशा उठते रहे हैं आगे भी उठते रहेंगे कि आखिर भारत में लोकतांत्रिक फसाद की जड़ क्या थी और जवाब हमेशा कांग्रेस की ओर ही इशारा करते नजर आएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के अंश
- इस सदन में कुछ साथियों ने भारत की निराशाजनक तस्वीर पेश की और ऐसा लग रहा था कि उन्हें इसे पेश करने में आनंद भी आ रहा था। मुझे लगता है कि सार्वजनिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जय-पराजय होती रहती है, उससे छाई हुई व्यक्तिगत जीवन की निराशा कम से कम देश पर नहीं थोपनी चाहिए।
- कुछ लोग ये ही मानते हैं कि हिन्दुस्तान 1947 में पैदा हुआ और भारत में पिछले 75 सालों में जिसको 50 साल काम करने का मौका मिला उनकी नीतियों पर भी इस मानसिकता का प्रभाव रहा जिससे कई विकृतियां पैदा हुई हैं। ये लोकतंत्र आपकी मेहरबानी से नहीं है।
कुछ लोग ये ही मानते हैं कि हिन्दुस्तान 1947 में पैदा हुआ और भारत में पिछले 75 सालों में जिसको 50 साल काम करने का मौका मिला उनकी नीतियों पर भी इस मानसिकता का प्रभाव रहा जिससे कई विकृतियां पैदा हुई हैं। ये लोकतंत्र आपकी मेहरबानी से नहीं है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/kYgIjayyV0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2022
अगर कांग्रेस न होती तो
- कांग्रेस की परेशानी ये है कि उन्होंने डायनेस्टी के आगे कुछ सोचा ही नहीं। भारत को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों का है। मैं चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को अपने दलों में भी विकसित करें।
- अगर कांग्रेस न होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होतीं, अगर कांग्रेस न होती तो देश के सामान्य मानवी को मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार न करना पड़ता।
Speaking in the Rajya Sabha. Watch. https://t.co/P7g9rxlIH3
— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2022
- अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी न होती, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों साल पंजाब आतंकी आग में न जलता, अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती।
- अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, भारत विदेशी चश्मे के बजाए स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता, अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता।
अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, भारत विदेशी चश्मे के बजाए स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता, अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता: राज्यसभा में प्रधानमंत्री pic.twitter.com/H9t8B4XUm3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2022
अगर कांग्रेस न होती तो
- हमारी सोच कांग्रेस की तरह संकीर्ण नहीं है, हम संकीर्ण सोच के साथ काम करने वाले लोग नहीं हैं। जिनको दशकों तक सरकार चलाने का मौका मिला उन्होंने लगभग 100 बार राष्ट्रपति शासन लाकर चुनी हुई राज्य सरकारों को उखाड़कर फेंक दिया।
- कांग्रेस के सोचने के तरीकों पर अर्बन नक्सलों ने कब्जा कर लिया है और इसलिए उनकी सोच और गतिविधि विनाशकारी बन गई है। अर्बन नक्सल ने बहुत चालाकीपूर्वक कांग्रेस की दुर्दशा का फायदा उठाकर उसके विचार प्रवाह पर कब्जा कर लिया है और इसलिए ये बार-बार बोल रहे हैं कि इतिहास बदल रहा है।