नई दिल्ली। देशभर में बैंकों से कर्जा लेकर घर व कारोबार चला रहे लोगों के लिए एक बड़ी काम की खबर आई है। इस खबर के साथ कर्जदारों को राहत भी मिलेगी। दरअसल RBI MPC की बैठक समाप्त हो चुकी है, जिसमें आरबीआई ने कर्जदारों को राहत देते हुए ब्याज दर नहीं बढ़ाए जाने का फैसला ले लिया है। बीते दो सालों से रेपो दर स्थिर बना हुआ है, जिसे इस वित्तीय वर्ष में भी निरंतर रखने का फैसला किया गया है।
RBI MPC की बैठक सोमवार से शुरु होने वाली थी, लेकिन भारत रत्न, सुर साम्राज्ञी सुश्री लता मंगेश्कर के निधन की वजह से बैठक को टाल दिया गया और फिर मंगलवार से शुरु हुई RBI MPC की बैठक बुधवार को समाप्त हुई, जिसके बाद इस बैठक में लिए गए फैसलों को आज सार्वजनिक करते हुए रेपो रेट की स्थिरता को निरंतर बनाए रखने का निर्णय लिया गया है।
रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अहम बैठक आज संपन्न हो गई। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने बताया कि रेपो रेट (Repo Rate) को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब हुआ कि फिलहाल ब्याज दरें (Interest Rates) नहीं बढ़ने वाली हैं। इससे महंगाई (Inflation) का प्रेशर झेल रहे आम लोगों के ऊपर अभी ईएमआई (EMI) का बोझ नहीं बढ़ने वाला है।
रेपो रेट 4 फीसदी पर बना रहेगा
गवर्नर दास ने बताया कि रेपो रेट 4 फीसदी पर बना रहेगा। रेपो रेट से बैंकों का ब्याज दर तय होता है। अगर रेपो रेट बढ़ता है तो ब्याज बढ़ जाता है, जिससे लोन और ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है। अभी देश में ब्याज दरें रिकॉर्ड लो लेवल पर हैं। रिजर्व बेंक ने कोरोना महामारी के चलते रेपो रेट को लगातार कम किया। रेपो रेट में आखिरी बाद बदलाव मई 2020 में किया गया था। तब रिजर्व बैंक ने इसे 0.40 फीसदी घटा दिया था।