देश में कई ऐसी वारदातें हुईं हैं, जिसका दर्द सालों बाद भी लोगों के जेहन में भरा हुआ है। इनमें से एक थी गुजरात के अहमदाबाद में सीरियल बम धमाका, जिसमें महज 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हो गई थी। धमाका अहमदाबाद में हो रहा था, लेकिन उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही थी। चारों ओर मौत की चित्कार और दहशत के उस माहौल से उबरने में लोगों को कई साल लग गए। आज उसी मामले के आरोपियों के खिलाफ बड़ा फैसला सामने आया है।
देश का सबसे बड़ा रिकार्ड
साल 2008 में गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए सीरियल बम धमाकों (Bomb Blast) के मामले में दोषियों को सजा सुना दी गई है। विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने 49 अभियुक्तों में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। ये फैसला एक रिकॉर्ड है क्योंकि अभी तक एक साथ इतने लोगों को कभी फांसी की सजा नहीं सुनाई गई है। बाकी 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा मिली है। अदालत ने कहा है कि ये 11 दोषी जब तक जीवित हैं, जेल में ही रहेंगे।
2008 अहमदाबाद सीरियल बम विस्फोट मामले में विशेष अदालत ने 49 में से 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। #AhmedabadBlast2008 pic.twitter.com/m7tdGw0fd3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2022
जुर्माना भी ठोंका गया
पीड़ित परिवारों के लिए, अदालत ने हर एक को 1 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये और नाबालिग घायलों के लिए 25,000 रुपये का मुआवजा दिया। कोर्ट ने दोषियों पर 2.85 लाख रुपये का जुमार्ना भी लगाया। फैसला आईपीसी की धारा 302 (ए) और यूएपीए की धारा 16 (1) (बी) के तहत सुनाया गया।
13 सालों तक चला मामला
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके में 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे। अदालत में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चलने के बाद, गत सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया और 28 अन्य को बरी कर दिया गया था।
साजिश के तहत धमाका
सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दलीलें खत्म की थीं और अभियुक्तों को अधिकतम सजा देने का अनुरोध किया था। अदालत ने 77 अभियुक्तों के खिलाफ पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही खत्म की थी। विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था। पुलिस का दावा है कि उक्त आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं। आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए बम धमाके की साजिश रची थी।