अंगूर की बागवानी(grape ) लगभग पूरे भारतवर्ष में सभी क्षेत्रों में की जा सकती है| अंगूर के फल स्वादिष्ट तथा स्वास्थ्य के हितकारी होने के कारण इसकी बागवानी की महत्ता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है|
पिछले दो से तीन वर्षों में इसके क्षेत्रफल में काफी तेजी के साथ बढ़ोत्तरी हुई है| उत्पादन के आधार पर दक्षिण में कर्नाटक, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु मुख्य राज्य हैं| आज के बिज़नेस आईडिया(business idea ) में हम बात करेंगे अंगूर की खेती की
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इन महीने करें अंगूर की खेती (best month )
अंगूर की खेती के लिए गर्म, शुष्क, तथा दीर्घ ग्रीष्म ऋतू अनुकूल रहती है| लेकिन बहुत अधिक तापमान हानी पहुंचा सकता है, अधिक तापमान के साथ अधिक आद्रता होने से रोग लग जाते है| जलवायु का फल के विकास तथा पके हुए अंगूर की बनावट और गुणों पर काफी असर पड़ता है
इन बातों का रखें ध्यान (keep these kings in mind )
अंगूर की खेती या बागवानी अनेक प्रकार की मृदा में कि जा सकती है|
अंगूर की जड़ की संरचना काफी मजबूत होती है| यह कंकरीली,रेतीली से चिकनी तथा उथली से लेकर गहरी मिट्टियों में सफलतापूर्वक पनपता है|
रेतीली, दोमट मिट्टी, जिसमें जल निकास अच्छा हो अंगूर की खेती के लिए उत्तम पाई गयी है|
अधिक चिकनी मिट्टी में इसकी खेती न करे तो बेहतर है|
तकनीक शामिल (technology involved )
उत्तर भारत में उगाए जाने वाली किस्मों के चयन एवं उनके विकास व विस्तार में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने विशेष योगदान दिया है| इसमें किस्मों का विकास, सस्य तकनीकों(technology ) का मानकीकरण, वृद्धि नियामकों का उपयोग, आदि भी शामिल हैं।
मुनाफा (profit )
“अंगूर की बाग से एक एकड़ में हर साल 6 लाख से 7 लाख रुपये तक की कमाई(earning ) हो सकती है। “