देश की अदालतों में अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा मिलना तो आपने सैकड़ों बार सुना होगा लेकिन किसी बंदर को आजीवन कारावास मिला हो ऐसा शायद ही आपने सुना हो. जी हां, ऐसा ही हैरान करने वाला मामला कानपुर से आया है. जहां कालिया नाम के एक बंदर को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.बंदर ने चिड़ियाघर के वन रेंजर चौहान की बेटी का पूरा गाल ही काट लिया था.
कानपुर चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि तीन साल तक हमने इसके काटने वाले स्वभाव को बदलने की कोशिश की लेकिन ये नहीं बदला. कानपुर चिड़ियाघर के चिकित्सा अधिकारी मोहम्मद नासिर का कहना है कि इसका व्यवहार 3 साल में भी नहीं बदला है. अगर इस बंदर को खुला छोड़ दिया जाए तो यह जहां जाएगा वहां कम से कम पच्चीस लोगों को काटना शुरू कर देगा. ये बंदर अलग स्वभाव का है इसलिए इसको उम्रकैद की सजा दी गई है. जब तक इसकी जिदंगी है ये पिंजड़े के अंदर ही रहेगा.
तीन वर्ष पूर्व मिर्जापुर जिले के शहर और कटरा कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बंदर आतंक का पर्याय बन गया था। वह सैकड़ों लोगों को काट चुका था। दिसंबर में उसका आतंक चरम पर पहुंच गया था। वह महिलाओं व छोटी बच्चियों के चेहरे को काट कर भाग जाता था।कानपुर से वन विभाग की टीम ने एक जनवरी 2017 को बंदर को बंदूक से बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर पकड़ा था।बंदर को पकड़ कर ले गई कानपुर प्राणी उद्यान की टीम ने अस्पताल परिसर में पिंजड़े में बंद रखा। मुंह व शरीर काला होने के कारण उसका नाम कलुआ रखा गया।