महासमुंद से लोचन चौहान की रिपोर्ट
पिथौरा। मानसून की दस्तक के साथ ही प्रदेश में तेज अंधड़ और तूफान का दौर जारी है, जिसकी वजह से बड़ी तादाद में पेड़-पौधे धराशायी हो रहे हैं। हाल में जानकारी महासमुंद से सामने आई है, जहां वन परिक्षेत्र पिथौरा में इस आंधी-तूफान की वजह से काफी संख्या में सागौन के पेड़ गिर गए हैं। इन कीमती पेड़ों का संधारण नहीं होने की वजह से तस्कर सक्रिय हो गए हैं और धड़ल्ले से सागौन की चोरी का सिलसिला जारी है। वहीं इस मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी यह कहते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश करते नजर आते हैं कि अनुमति के बगैर कटाई नहीं होती।
छग में मानसून की दस्तक के साथ ही तेज हवाओं के साथ रह-रहकर तूफान उठ रहा है। जिसकी वजह से पेड़-पौधों के टूटकर गिरने का क्रम भी जारी है। इसमें सागौन के पेड़ भी शामिल हैं। यह मौका तस्करों के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं होता, लिहाजा उनकी सक्रियता भी बढ़ जाती है, और कीमती सागौन के पेड़ वन परिक्षेत्र से नदारद हो जाते हैं, पर वन विभाग के जिम्मेदारों को यह मामूली बात नजर आती है। महासमुंद जिले के पिथौरा वन परिक्षेत्र में गिरे सागौन के पेड़ों की चोरी और तस्करी के मामले में भी वन अधिकारी कुछ ऐसा ही बयान देते नजर आते हैं।
बता दें कि सागौन राष्ट्रीय संरक्षित पेड़ है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व वन विभाग का है, लेकिन पिथौरा में चोरों और तस्करों को जिस तरह से मौका दिया जा रहा है, उससे सांठगांठ की आशंका स्वाभाविक है। बहरहाल इस मामले में वन मंत्री और शासन को ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता महसूस होने लगी है।