रायपुर। हिन्दुओं के सार्वभौम धर्मगुरु एवं हिन्दूराष्ट्र के प्रणेता श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज का 18 फरवरी से श्री सुदर्शन संस्थानम , शंकराचार्य आश्रम रावाभाठा रायपुर में मंगलमय पदार्पण हो चुका है जिनका रायपुर प्रवास 25 फरवरी तक रहेगा। इस बीच शंकराचार्य जी का प्रतिदिन पूर्वाह्न 11:00 बजे से 02:00 बजे तक दर्शन , दीक्षा , पादुका पूजन , हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठी सुलभ होगा। वहीं सायं सत्र में छह बजे से पुन: शंकराचार्य जी का दर्शन , प्रवचन एवं धर्म व राष्ट्र से संबंधित जिज्ञासुओं का शंका समाधान करेंगे।
उपरोक्त अवसर पर यह उल्लेखित करना आवश्यक है कि जब से शंकराचार्य जी के द्वारा भारतवर्ष के आगामी वर्षों में हिन्दू राष्ट्र के रूप में उद्भाषित होने की घोषणा हुई है तभी से राष्ट्रीय परिदृश्य में एक वैचारिक हलचल उत्पन्न हुई है , उत्सुकता बढ़ी है किस प्रकार राम राज्य की व्यवस्था के अनुसार सनातन संस्कृति आधारित सामाजिक आर्थिक वातावरण तैयार होगा जो सभी के लिये हितकर होगा।
आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हिन्दू राष्ट्र की संरचना में युवा शक्ति की भूमिका सशक्त होगी। आज युवा शक्ति दिग्भ्रमित है , निराशाग्रस्त है परन्तु सनातन संस्कृति के अनुरूप व्यवस्था जो कि शास्त्र सम्मत सिद्धांतों पर आधारित है वहाँ समष्टि हित की बात की जाती है , पुरुषार्थ चतुष्टय की सिद्धि के साथ साथ लौकिक एवं पारलौकिक उत्कर्ष भी सम्भव है। इसके लिये आवश्यक है कि शास्त्र सम्मत विधा के साथ उसके क्रियान्वयन की विधा भी शास्त्रीय हो इन सबकी जानकारी सार्वभौम धर्मगुरु मान्य शंकराचार्य जी के सानिध्य में ही प्राप्त हो सकती है।
अत: युवा शक्ति के लिये सुअवसर है कि पुरी शंकराचार्य जी के महाअभियान में शामिल होकर उनके द्वारा युवाओं के लिये संस्थापित संगठन आदित्य वाहिनी में चयनित , प्रशिक्षित होकर हिन्दू राष्ट्र निर्माण में नियोजित होने के लिये तत्पर हों। पुरी शंकराचार्य द्वारा संस्थापित धर्मसंघ पीठपरिषद् आदित्य वाहिनी आनन्द वाहिनी संगठन ने क्षेत्र के सभी भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुये शंकराचार्य जी के कार्यक्रम में उपस्थित होने की अपील की है।