हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। यह फाल्गुन महीना चल रहा है। फाल्गुन मास में कालाष्टमी व्रत आज यानी 23 फरवरी, बुधवार( wednesday) को है। कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, क्रोध से जब ब्रह्मा जी का सिर जलने लगा था, तब भगवान शिव के अंश काल भैरव का जन्म हुआ था।
कालाष्टमी व्रत 2022 पूजन मुहूर्त-( subh time)
अष्टमी तिथि 23 फरवरी को शाम 04 बजकर 56 मिनट से शुरू होगी, जो कि 24 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। कालाष्टमी व्रत 23 फरवरी को रखा जाएगा।
कालाष्टमी व्रत के दिन सुबह रवि योग रहेगा। इस दिन सुबह 06 बजकर 52 मिनट से दोपहर 02 बजकर 41 मिनट तक रवि योग रहेगा। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग लग जाएंगे।
Read more : Mangalwar Upay : आज के दिन करें ये खास उपाय, बदल जाएगा भाग्य
कालाष्टमी महत्व-( importance)
काल भैरव भगवान शंकर के अंश हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव की पूजा करने से अकाल मृत्यु(death ) का भय खत्म होता है। रोग व दोष से मुक्ति मिलती है। काल भैरव संकटों से रक्षा करते हैं।
जाने क्या है पूजा- विधि ( worship)
- इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- अगर संभव हो तो इस दिन व्रत रखें।
- घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
- भगवान भैरव की पूजा- अर्चना करें।
- इस दिन भगवान शंकर की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना करें।
- भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और गणेश भगवान की पूजा- अर्चना भी करें।
- आरती करें और भगवान को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।