वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान को लॉन्च करते हुए कहा, ‘लॉकडाउन के बाद पूरे देश में बड़ी संख्या में श्रमिक अपने गांवों को गए हैं। राज्यों ने इसके लिए परिवहन की व्यवस्था भी की थी। हम उन जिलों की पहचान कर रहे हैं, जहां सबसे ज्यादा मजदूर लौटे हैं।’
20 Lakh Crore Package में क्या था शामिल
कोरोना वायरस संकट के बीच लाए गए इस पैकेज में सरकार की ओर से किसानों, प्रवासी मजदूरों, नौकरीपेशा वर्ग, MSMEs और NBFCs के लिए कई तरह के राहत उपायों की घोषणा की गई थी। इसके अलावा कोयला, खनिज उत्खनन, विमानन सहित आठ क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा देने की बात सरकार की ओर से कही गई थी।
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) की घोषणा करते हुए पात्र कंपनियों के लिए मार्च, अप्रैल और मई महीने का ईपीएफ योगदान भारत सरकार द्वारा देने की बात कही थी। सरकार ने अब इस राहत को तीन महीने और बढ़ा दिया है। इसका मतलब है कि अब पात्र कंपनियों के लिए जून, जुलाई और अगस्त में भी ईपीएफ का कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से का अंशदान केंद्र सरकार की ओर से ही किया जाएगा। केंद्र के इस निर्णय से कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को फायदा होगा। वित्त मंत्री के मुताबिक इस फैसले से 3.67 लाख कंपनियां और 72.22 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
वित्त मंत्री ने लॉकडाउन से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (MSMEs) के लिए कई तरह के उपायों की घोषणा की थी। उन्होंने MSME सेक्टर के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के लोन की सुविधा देने का बुधवार को एलान किया था। यह कॉलेट्रल फी लोन स्कीम है, जिससे 45 लाख MSMEs को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि MSMEs को चार साल के लिए यह लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही लोन मिलने के पर 12 महीनों तक MSMEs को मूलधन चुकाने की जरूरत नहीं होगा। उन्होंने MSMEs के लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स बनाने की भी घोषणा की थी।