गरियाबंद राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन का स्टाल गढ़कलेवा लगा हुआ है। जिसे ज्ञानदीप महिला स्वसहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस समूह के अध्यक्ष रेखा तिवारी ने बताया कि हमारे यहां चांवल आंटा का चीला, फरा, बफौरी, चौसेला, पान रोटी, ठेठरी, महुआ लड्डू, खुरमी, दूधफरा आदि ये सभी छत्तीसगढ़ी व्यंजन है।
उन्होने आगे बताया कि माघी पुन्नी मेला में हमारा पहला स्टाल है। यहां इमली लाटा, ठेठरी, खुरमी, चीला का अत्यधिक मांग है। इमली लाटा के नाम सुनते ही लोगों के मुंह मे पानी आ जा रहा है। इमली लाटा को खरीदने के लिए तत्काल तैयार हो रहे है। तत्परता के साथ इमली लाटा को मुंह में रखकर इमली का स्वाद बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ले रहे हैं। वर्तमान में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से पान रोटी प्रायः लुप्त हो रही है। गढ़कलेवा के संचालिका के द्वारा लुप्त हो रही छत्तीसगढ़ी व्यंजन को संजोकर माघी पुन्नी मेला में स्टाल के माध्यम से बिक्री किया जा रहा है। इन छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्वाद चखने लोगों की भीड़ जुट रही है।