Mahashivratri 2022 :फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (Chaturthi of Krishna Paksha of Falgun month)पर महाशिवरात्रि(mahashivratri) का त्यौहार मनाया जाता है। आज महाशिवरात्रि का पर्व है और आज कि रात शिव जी की बारात (Shiva’s procession)बैंड बाजों के साथ निकलती है और भगवान(Shiva and Parvati’s marriage) हुआ था। रात में भगवान कि पूजा करने के बाद फलाहार किया जाता है। अगले दिन सवेरे जौ, तिल,और खीर और बेल पत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है।
बैंड बाजे के साथ शिव जी कि निकली बारात
छत्तीसगढ़ के धमतरी में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ शिवजी की बारात निकाली गई। जिसमें बाजे गाजे भूत प्रेत और शिवजी के रूप में झांकियां धमतरी को शिवमय कर दिया। बनारस की तर्ज पर धमतरी जिले में निकली झांकी विंध्यवासिनी मंदिर से शुरू हुई शिवजी की बारात रामबाग होते हुए शहर के प्रमुख मार्ग होकर इतवारी बाजार स्थित बूढ़ेश्वर मंदिर पहुंची। इस दौरान शिवजी की बारात में रास्ते भर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा और फूल मालाओं से स्वागत किया।
दरअसल महाशिवरात्रि के एक दिन पहले धमतरी में भोले के भक्तों द्वारा भोले बाबा की बारात निकाली गई। जिसमें धमतरी जिले के भक्त श्रद्धालु समेत दूरदराज से भक्त भोले बाबा की बारात में शामिल होने पहुंचे। भोले बाबा की बारात में रंग बिरंगे लोग शामिल हुए। मानव भोले बाबा का विवाह होना है,और भोले बाबा के आसपास रहने वाले भूत प्रेत अवघड दानी भूत प्रेत पिशाचिनी और तमाम तरह की वेशभूषा में लोग अपने भोले के बारात में शामिल होने पहुंचे थे धमतरी का वातावरण मानो कैलाश पर्वत सा प्रतीत हो रहा था। और भगवान भोलेनाथ स्वयं विराजमान नजर आ रहे थे। भक्तों में एक अजब सी आस्था दिखाई दे रही थी। अपने भोले को लेकर बीते 2 वर्ष पहले इस आयोजन की शुरुआत हुई और यह दूसरा वर्ष भी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ जहां धमतरी के गणमान्य नागरिक जनप्रतिनिधि और वह तमाम लोग शामिल हुए जिन्हें भोले बाबा पर अटूट आस्था है। धमतरी पुलिस द्वारा भी सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था इस बारात पर नजर आए। बता दें कि शिवजी की बारात का रास्ते भर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा और फूल मालाओं से स्वागत किया।
शिव पार्वती जी के विवाह से जुड़ी कथा
शिव पार्वती के विवाह से जुड़ी एक दिलचस्प कथा रोचक है, जिसमें कहा जाता है कि शिव जी की बारात देखकर पार्वती मां बेहोश हो गई थीं। दरअसल पार्वती मां शिव जी को पसंद करती थीं और शिव जी को मन ही मन अपना पति मान लिया था। उन्होंने शिव जी को अपना पति बनाने के लिए कड़ी तपस्या शुरू की। कठोर तपस्या के बाद शिवजी सामने आए और कहा कि वो किसी राजकुमार से शादी कर लें क्योंकि उनके साथ रहना आसान नहीं होगा। लेकिन पार्वती ने कहा कि वो विवाह करेंगी तो सिर्फ शिव से ही। पार्वती का प्रेम देखकर शिवजी ने शादी के लिए हां कर दी।
जब शिवजी बारात लेकर आए तो हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि शंकर जी की बारात में भूत-प्रेत और आत्माएं थीं, क्योंकि शिवजी देवताओं के साथ दानवों के भी इष्ट हैं। बारात में शिव जी का रूप देखकर पार्वती बहुत डर गईं। शिव जी का ये रूप देखकर पार्वती की मां ने कहा कि अपनी बेटी का हाथ ऐसे दूल्हे के हाथ में नहीं सौंपेंगी। स्थिति जब बिगड़ने लगी तो पार्वती ने भोलेनाथ से प्रार्थना की और कहा कि उनके रीति रिवाजों के अनुसार वो तैयार होकर आए। शिव जी ने पार्वती की बात मान ली और सभी देवताओं से कहा कि उन्हें शादी के लिए तैयार करें। इसके बाद शिव जी को दैवीय जल से नहलाकर पुष्पों से तैयार किया गया। जब इस रूप में शिवजी पहुंचे तब जाकर पार्वती से उनका विवाह हुआ। शिव और पार्वती की शादी के दिन ही महाशिवरात्रि मनाई जाती है।