शासकीय सेवाओं में रहते हुए मोटी पगार मिलने के बावजूद ‘रिश्वतखोरी’ (Bribe) को ‘शिष्टाचार’ मानने वालों की फेहरिस्त भारत में (IN India) अनगिनत है। विरले ही ऐसे लोग होंगे, जो ईमानदारी (Honestly) से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते होंगे। अन्यथा लगभग शासकीय सेवकों की यही गाथा है कि वे सरकारी दफ्तरों में केवल मोटी पगार (Salary) और रिश्वत (Bribe) खाने के लिए ही बैठते हैं।
ताजा मामला उज्जैन से सामने आय है, जहां पर शिक्षा विभाग में क्लर्क (Clerk in Education Department) के पद पर पदस्थ धर्मेंद्र चौहान (Dharmendra Chouhan) के घर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने छापेमारी की। इस दौरान कार्रवाई में करोड़ों की चल—अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। EOW के अफसरों के मुताबिक धर्मेन्द्र चौहान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के निजी सहायक के तौर पर काम कर चुका है।
धर्मेंद्र चौहान (Dharmendra Chouhan) के तीन ठिकानों पर टीम ने कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान चौहान के पास से करोड़ों की चल-अचल संपत्ति मिली है। EOW के अधिकारी के अनुसार, तीन आलीशान मकान, बड़नगर स्थित ग्राम धरेड़ी में करोड़ों की जमीन, ट्रैक्टर, थ्रेशर मशीन, चार पहिया वाहन, बैंक में कई लॉकर और एफडी आदि का रिकॉर्ड मिला है जिसकी जांच की जा रही है। फिलहाल धर्मेंद्र चौहान के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है।
EOW के एसपी दिलीप सोनी (Dilip Soni) ने बताया कि धर्मेंद्र सिंह चौहान (Dharmendra Chouhan) वर्तमान में शिक्षा विभाग में बाबू (Clerk in Education Department) है। आय से अधिक संपत्ति का एक मामला सामने आया था जिसमें EOW ने विधिवत उनके अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई की। तलाशी के दौरान बहुत सारे दस्तावेज और कुछ वैल्यूएबल्स मिले हैं, जिनकी जांच जारी हैं।