भारत (India) की ओर से 9 मार्च को गलती से एक मिसाइल फायर हो गई थी. ये मिसाइल (missile)पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत में जाकर गिरी थी. उस वक़्त पाकिस्तान की सेना ने इस मामले पर कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन अब पाकिस्तान में इस मुद्दे पर खलबली मची है.
सियासी विरोध की सुनामी का सामना कर रहे इमरान ख़ान (Imran Khan) इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाकर भारत को बदनाम करने की कोशिशों में जुट गए हैं. वे इस मामले में वायुसेना के अफसरों को बर्खास्त कर अपनी नाकाम छिपा रहे हैं.
पाकिस्तान में 124 किमी अंदर जाकर गिरी मिसाइल
हरियाणा (Haryana) के सिरसा से उड़ी यह मिसाइल पाकिस्तान (Pakistan) के मियां चन्नू में जाकर गिरी थी. पाकिस्तान के 124 किलोमीटर अंदर आकर गिरी इस खाली मिसाइल से जान माल का नुक़सान तो नहीं हुआ. लेकिन, मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म इमरान ख़ान और उनके सिपेहसालार कमर जावेद बाजवा की टेंशन ज़रूर बढ़ गई है.
इमरान खान (Imran Khan) को 28 से 29 सितंबर 2016 को भारत की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक की याद आने लगी है. वहीं पाकिस्तानी आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा (Javed Bajwa) को एक बार फिर अपनी सेना की नाकामी परेशान कर रही है. नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान वायुसेना के आला अधिकारी कटघरे में खड़े कर दिए गए हैं.
पाकिस्तानी वायु सेना के 3 बड़े अधिकारी बर्खास्त
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान (Pakistan) एयरफोर्स के वाइस चीफ और दो एयर मार्शल्स को बर्खास्त कर दिया गया है. इन पर पाकिस्तान एयर फोर्स के डिटेक्शन सेंटर और रिस्पांस एक्शन टीम की नाकामी का ठीकरा फोड़ा गया है.
पाकिस्तान (Pakistan) के अंदर सवाल उठ रहे हैं कि भारत (India) की ओर से गलती से छोड़ी गई मिसाइल तो बेहद छोटी और खाली थी, लेकिन अगर ये बड़ी और बारूद से भरी होती होती तो क्या होता. सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे अकाउंट्स को ब्लॉक भी किए जाने की खबरें हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना या एयरफोर्स के साथ ही सरकार पर सवाल उठाए जा रहे थे.
कहीं भारत ने परख तो नहीं ली पाकिस्तान की तैयारी?
पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार और सेना को लग रहा है कि मिसाइल गिरने के बहाने भारत ने उसके एयर डिफेंस की सक्रियता और अपनी मिसाइल की काबलियत, दोनों की टेस्टिंग तो नहीं कर ली. यही वजह है कि अब इमरान सरकार को इस बात का डर भी सताने लगा है कि कहीं ये आने वाले कल के लिए भारत की कोई तैयारी तो नहीं है. लिहाज़ा, पाकिस्तान की हुकूमत औपचारिक तौर पर अपना विरोध दर्ज करवाने के साथ इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की भी कोशिशों में जुट गई है.
शाह महमूद कुरैशी ने किया जर्मनी को फोन
पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जर्मनी की विदेश मंत्री ऐनालिन बेयरबॉक को फोन कर मिसाइल गिरने की घटना की जानकारी दी है. उन्होंने इसे महज एक घटना मानने से इनकार कर दिया. इस मामले की संयुक्त जांच कराए जाने की मांग की है. कुरैशी ने ये भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए.
बताते चलें कि 9 मार्च को शाम के 6 बजकर 43 मिनट पर हरियाणा के सिरसा से गलती से एक मिसाइल लॉन्च हो गई थी. यह मिसाइल 6 बजकर 50 मिनट पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के एक गांव मियां चन्नू में जाकर गिरी. इस मिसाइल ने महज 7 मिनट में 261 किलोमीटर का फासला तय किया.
फ्लॉप हो गया चीनी एयर डिफेंस सिस्टम
भारत की खाली मिसाइल का पाकिस्तान (Pakistan) में गिरना इमरान खान के एजेंडे को तो सूट करता है. लेकिन, ये पाकिस्तान की सेना के लिए एक बहुत बड़ी नाकामी है. दरअसल, बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की सेना ने चीन से एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदा था. उस वक्त पाकिस्तान ने इसे सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम करार दिया था. जो किसी भी मिसाइल, ड्रोन और विमानों को डिटेक्ट कर इंटरसेप्ट यानी मार गिरा सकता था.
लेकिन, साफ पता चलता है कि 9 मार्च को पाकिस्तानी सीमा में गिरी भारतीय मिसाइल को भी एचक्यू-9 डिटेक्ट या इंटरसेप्ट नहीं कर पाया.ऐसे में सवाल ये है कि चीन के दम पर भारत से लोहा लेने का दावा करना, क्या पाकिस्तान के लिए मुफीद है?
भारतीय मिसाइल लॉन्च की पाकिस्तान को नहीं लगी खबर
बालाकोट एयर स्ट्राइक की ही तरह पाकिस्तान (Pakistan) को भारत की सुपरसोनिक मिसाइल के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू इलाके में गिरने की कानों-कान खबर तक नहीं लग पाई. जब स्थानीय लोगों ने इलाके में मिसाइल गिरने की खबर पुलिस-प्रशासन को दी, तब पाकिस्तानी सेना नींद से जागी.
अपनी इज्जत बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने 10 मार्च को दावा किया कि उसने 9 मार्च को भारतीय मिसाइल को सिरसा में लॉन्च होने के बाद ही ट्रैक कर लिया था. हालांकि सूत्रों का कहना है कि भारतीय (India) मिसाइल के पाकिस्तान सीमा में 261 किलोमीटर अंदर जाकर गिरने के बाद तक बाजवा ब्रिगेड को इसकी कोई जानकारी नहीं थी.
मसूद अजहर के घर से 260 किमी दूर गिरी मिसाइल
गौर करने वाला पहलू ये भी है कि मियां चन्नू जैश ए मोहम्मद के सरगना और ग्लोबल टेरेरिस्ट मसूद अज़हर के घर से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर है. शायद यही वजह है कि पाकिस्तान की सेना और सरकार टेंशन में है. टेंशन इस बात की, कि भारतीय मिसाइल को ट्रैक क्यों नहीं किया जा सका. उसे आसमान में ही मार क्यों नहीं गिराया गया.
तो सवाल ये कि क्या बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद चीन से ख़रीदे गए एचक्यू-9 सिस्टम कबाड़ हैं. पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार और सेना के लिए एयर डिफेंस सिस्टम के साथ भारतीय मिसाइल की मारक क्षमता भी परेशानी का सबब बनी हुई है. पाकिस्तान का दावा है कि उसके इलाक़े में जो मिसाइल गिरी वो ब्रह्मोस थी. पाकिस्तान के जर्नलिस्ट मोहम्मद इब्राहिम काजी ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि भारत से छोड़ी गई मिसाइल ब्रह्मोस ही है, जिसकी रेंज 290 किलोमीटर है.
क्या ब्रह्मोस गिरी थी मियां चन्नू में
अगर, पाकिस्तान का दावा सही है तो ये भी इमरान ख़ान के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने के लिए काफी है, क्योंकि ब्रह्मोस एक सुपसोनिक क्रूज़ मिसाइल है. इसे पनडुब्बी, जहाज़ या फिर लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है. कम ऊंचाई पर उड़ने की वजह से ये रडार की पकड़ में नहीं आती. ब्रह्मोस की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में होती है. ये मिसाइल 4300km प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है.
भारत में पाकिस्तान (Pakistan) के हाई कमिश्नर रह चुके अब्दुल बासित को गलती से चली मिसाइल में भारत (India) की खतरनाक साजिश नजर आ रही है. बासित ने सोशल मीडिया पर कहा है कि भारत कहीं खाली मिसाइल दागकर पाकिस्तानी फौज की तैयारियों का जायजा तो नहीं लेना चाहता था?
ज़ाहिर है, मियां चन्नू में गिरी भारतीय मिसाइल फिलहाल पाकिस्तान के लिए ख़ौफ का कारण बनी हुई है. ये मिसाइल कौन सी थी, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम इसे ट्रैक क्यों नहीं कर पाया, ये तमाम सवाल इमरान ख़ान और उनके सिपेहसालार कमर जावेद बाजवा को सोने नहीं दे रहे हैं.