छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में आगजनी की घटनाएं भी बढ़ने लगी है। सरगुजा संभाग के बाद अब धमतरी व बालोद जिले के जंगलों में आगजनी की घटनाएं हुई है। वन विभाग के अधिकारी आग पर काबू पानी की बात कह रहे हैं। इधर वन विभाग के कर्मचारी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिससे विभाग की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है। वन विभाग ने आगजनी की सूचना देने टोल फ्री नंबर जारी किया है।
धमतरी के केरेगांव वन परिक्षेत्र में आग लगी है। आग की लपटें देख राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। वन विभाग के अफसरों को सूचना दी गई, जिसके बाद कर्मियों को भेजकर आग बुझाई गई। धमतरी के डीएफओ मयंक पांडेय ने बताया कि इस मौसम में मुख्य रूप से जंगल में आग लगना आम बात है। हमारे कर्मचारी सतर्क रहते हैं। सुरक्षा गार्डों की मदद से आग पर काबू पाया पाया गया। जिले के जंगलों में निगरानी के लिए 300-350 तैनात हैं। आग बुझाने के लिए कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण फायर ब्लोअर भी दिया गया है।
महुआ बीनने पत्तों में लगा देते हैं आग
बालोद जिले के दल्लीराजहरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत कुसुमकसा और चिपरा गांव से लगे RF296PF के जंगलों में भीषण आग लगने की खबर है। सूखे पत्ते होने के कारण जगंल में आग इतनी तेजी से फैल गई की देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया गया। एक दिन में ही आधा दर्जन से अधिक जगहों पर आगजनी की घटनाएं हुई है। चिपरा के जंगल में लगी आग को बुझाने टीम द्वारा लगातार प्रयास किये जाने की बात कही जा रही है। बालोद डीएफओ ने सभी जगहों के आग पर काबू पाने का दावा किया। बता दें कि महुआ बीनने के लिए लोग पेड़ की नीचे पत्तों में आग लगा देते हैं, जो विकराल रूप ले लेता है।
टोल फ्री नंबर 18002337000 पर दें सूचना
आगजनी की घटनाओं की सूचना देने के लिए वन विभाग ने टोल फ्री नंबर जारी किया है। वन विभाग ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय अरण्य भवन रायपुर में कंट्रोल रूम बनाया है। विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 18002337000 पर कोई भी व्यक्ति आगजनी की सूचना दे सकता है। वहीं सभी वनमंडलों में भी वनों की सुरक्षा के लिए कन्ट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां से निगरानी की जा रही है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने विभाग के अधिकारियों को वनों में आगजनी की घटना रोकने आवश्यक निर्देश दिए हैं।