नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नीट-पीजी की शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग (माप-अप राउंड) में शामिल होने की कुछ डाक्टरों की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) से जवाब तलब किया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने डीजीएचएस की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से डाक्टरों की तरफ से दायर याचिकाओं के दो सेट पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा।
रोक लगाना बहुत ही कठोर होगा
पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा, ‘काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाना बहुत ही कठोर कदम होगा। यह मेडिकल के छात्रों का मामला है। अगर हम सीटें रद करते हैं, तो हमें सभी प्रवेश रद करने होंगे जिससे पूरी प्रक्रिया में और देरी होगी। आप सभी को भी कोई समाधान निकालना चाहिए।’
याचिकाकर्ताओं ने यह दी दलील
याचिका दायर करने वाले मेडिकल के कुछ छात्रों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद उन्हें सीटें आवंटित कर दी गईं। उसके बाद डीजीएचएस ने नोटिस जारी कर सैंकड़ों सीटें पूल में जोड़ दीं जो उनके समय में उपलब्ध नहीं थीं। इसके परिणामस्वरूप उनसे कमतर योग्यता वाले छात्रों को बेहतर सीटें मिलेंगी।