गणित का नाम सुनते ही अच्छे से अच्छे आदमी का पसीना छूट जाता है। अंकों का ऐसा मायाजाल जिसे हल करने में समय लगता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का अरमान गणित के सवालों को मिनटों में सुलझा लेता है। उसकी उम्र अभी महज 5 साल है। अरमान का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है। गणित के गुणांक को हल करने वाले अरमान को साल 2022 में इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ ही लंदन के हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है।
बिलासपुर शहर के तोरवा निवासी मनीष उभरानी और साइना उभरानी के 5 साल के बेटे अरमान उभरानी को गणित के गुणांक को हल करने में महारत हासिल है। गुणा व भाग के मेथर्ड को वह फटाफट सुलझा देता है। मास्टर अरमान ने 5 साल की उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। दो वर्ल्ड रिकार्ड्स के साथ इंडिया बुक में भी अरमान का नाम दर्ज कराया है। अरमान की मां साइना उभरानी चॉकलेट किड्स प्री-स्कूल की सह संस्थापक और डायरेक्टर हैं। अरमान के पिता उद्योगपति हैं। छोटी सी इस उम्र में अरमान के मिली कामयाबी को लेकर माता-पिता सहित परिवार के लोग बहुत खुश हैं।
हावर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना स्थान बनाया
साइना उभरानी बताती हैं कि अरमान को गणित से बहुत लगाव है। वह गणित के सवालों को हल करना पसंद करता है। उसकी याददाश्त काफी तेज है। अरमान की याददाश्त को देखकर लगा कि उसे गणित के लिए तैयार किया जाए। अरमान ने अपनी गणना क्षमता को विकसित किया। वह खुद से मिनटों में गणित के गुणांक को हल कर लेता है। साइना उभरानी ने बताया कि अरमान ने 2 से 20 तक के पहाड़ा को मात्र 8 मिनट 3 सेकंड में हल करके लंदन के हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना स्थान बनाया है। वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए ऑनलाइन परीक्षा में गणित के 86 प्रश्नों को मात्र 16 मिनट में हल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। 100 गुणांक को 3 गुणा 1 से मात्र 12 मिनट 8 सेकंड में हल करके अपने ही पहले रिकॉर्ड को तोड़ा।
पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी अरमान को रुचि
साइना उभरानी बताती हैं महज 5 साल के अरमान के इस हुनर ने उनमें और जोश पैदा कर दिया है। अब वे खेल-खेल में ही गणित के प्रश्नों को हल करने लगा है। अरमान की ललक ऐसी है की वह रात में भी गणित की बातें गुनगुनाते रहता है। मां साइना उभरानी ने बताया कि रात में सोने के समय भी अरमान गणित के गुणांक के बारे में ही बातें करता है। अरमान की मेमोरी काफी स्ट्रांग है। कंप्यूटर की तरह उसके दिमांग चल रहा है। उसे गणित की किसी भी समस्या को हल करने में चंद मिनट ही लगते हैं। ऐसा नहीं है कि वह पूरे समय पढ़ाई ही करता है। उसे खेलकूद में भी रूचि है। हम भी चाहते हैं कि उसका मानसिक के साथ शारीरिक विकास हो, इसलिए स्केटिंग और बैडमिंटन खेलने में भी उसका पूरा साथ देते हैं।