मुंबई में कोई कलाकार स्ट्रगल करने आता है, तो उसके दिमाग में हमेशा हीरो बनने की ख्व़ाहिश होती है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। कुछ ऐसा ही हुआ मुंबई हीरो बनने आए अमरीश पुरी के साथ। 22 जून 1932 को पाकिस्तान के लाहौर में जन्में अमरीश पुरी 12 जनवरी 2005 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन अमरीश ने अपने पीछे एक विरासत छोड़ी, वो किसी नायक नहीं, बल्कि खलनायक की है। लगभग 400 फ़िल्मों में काम करने वाले अमरीश की कुछ यादगार किरदारों के बारे में जानते हैं।
मोगैंबो खुश हुआ- ये डॉयलॉग तब भी उतना ही फेमस था, जितना कि आज। अमरीश पुरी का यह किरदार भी काफी फेमस हुआ। 1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का यह विलेन अमरीश सबसे यादगर किरदारों में से एक है।
तहलका- डॉन्ग
मोगैंबो खुश हुआ कि तरह एक और डायलॉग है, जो इतना ही फेमस हुआ। यह है- डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता। साल 1992 में आई फ़िल्म तहलका में अमरीश पुरी ने डॉन्ग का किरदार निभाया। यह भी काफी फेमस हुआ।