मध्य प्रदेश में एक यूट्यूब पत्रकार और सात अन्य लोगों की गिरफ्तारी के बाद थाने में उनकी एक तस्वीर वायरल हुई है। इस तस्वीर में यह सभी लोग अधनंगी हालत में नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद उनके कपड़े उतरवा दिये गये। यह तस्वीर सीधी जिले के एक पुलिस स्टेशन की बताई जा रही है।
थियेटर आर्टिस्ट नीरज कुंदर की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करने के आरोप में इन सभी को गिरफ्तार किया गया था। इस पूरे मामले में थाना प्रभारी कोतवाली, सीधी एवं एक उप निरीक्षक को तत्काल हटा कर पुलिस लाइन संबद्ध किया गया है एवं प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
नीरज कुंदर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे गुरु दत्त के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर इनके खिलाफ ऐसी टिप्पणी की गई थी। पत्रकार और सात अन्य लोगों की गिरफ्तारी 2 अप्रैल को हुई थी लेकिन मामला गुरुवार को उस वक्त प्रकाश में आया जब यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई।
इस मामले में सीधी कोतवाली पुलिस स्टेशन के इंचार्ज मुकेश सोनी ने कहा, ‘थियेटर कलाकार नीरज कुंदर इंद्रावती नाट्य संस्थान के निदेशक भी हैं। उन्होंने भाजपा विधायक केदरानाथ शुक्ला और उनके बेटे की छवि खराब करने के लिए फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाया था। वो लगातार आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे। जांच के दौरान पता चला कि नीरज कुंदर नाम के एक शख्स ने अनुराग मिश्रा के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाया था। 2 अप्रैल को नीरज को धारा 419, 420 समेत अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया गया था।’
नीरज की गिरफ्तारी के बाद यूट्यूब जर्नलिस्ट कनिष्क तिवारी और कुछ कांग्रेसियों ने थियेटर आर्टिस्ट की गिरफ्तारी के विरोध में कोतवाली पुलिस स्टेशन में विरोध किया था। यह सभी पुलिस और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था। आरोप है कि पुलिस ने इनके कपड़े उतार कर इनकी पिटाई की थी।
जमानत पर छूटने के बाद बुधवार को तिवारी ने कहा, ‘पुलिस ने मुझे पीटा और हमें अधनंगा कर हमारी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर हमारी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। मैंने अपने यूट्यूब चैनल पर ऐसी कई खबरें दिखाईं है जिनमें यह बताया गया है कि किस तरह स्थानीय विधायक अपने क्षेत्र में सड़कों बनवाने और स्थानीय लोगों को स्वस्छ पानी दिला पाने में नाकाम रहे। जिसका परिणाम यह हुआ कि पुलिस ने मुझे और मेरी टीम को गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि, पुलिस स्टेशन इंचार्ज मुकेश सोनी ने कहा, ‘इनकी गिरफ्तारी के बाद एक सामान्य प्रक्रिया के तहत जांच के लिए उनके कपड़े उतरवाए गए थे। कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि हमें शिकायत मिली थी कि यूट्यूब पत्रकार पैसों के लिए लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं। हमने उन्हें कई बार मना किया बावजूद इसके वो थाने के अंदर हंगामा कर रहे थे।’