चैत्र नवरात्रि ( chaitra navratri) अंतिम दिन महानवमी है।आज महानवमी( mahanavmi)े दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरुप मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। इनके अशीर्वाद से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं, अनहोनी से सुरक्षित रहते हैं और रोग-दोष आदि नष्ट हो जाते हैं. मृत्यु के बाद व्यक्ति को मोक्ष भी मिलता है. महाकाल भगवान शिव स्वयं देवी सिद्धिदात्री की उपासना करते हैं. महानवमी के अवसर पूजा के बाद कन्या पूजन भी किया जाता है।
Read more : Chaitra Navratri 2022 : आज के दिन होगी मां कालरात्रि की पूजा, ये मंत्र का जाप करने से मां होंगी प्रसन्न
देवी सिद्धिदात्री पूजा मंत्र( mantra)
ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।
देवी सिद्धिदात्री प्रार्थना ( pray)मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।
देवी सिद्धिदात्री की पूजा विधि( puja vidhi)
अन्य नवदुर्गा( navdurga) की तरह मां सिद्धिदात्री की भी पूजा करते हैं. उनको अक्षत्, फल, फूल, धूप, दीप, गंध, कुमकुम, नैवेद्य आदि अर्पित करें और नीचे दिए गए मंत्रों का उच्चारण करें. देवी सिद्धिदात्री को कमल का फूल चढ़ाना चाहिए और तिल का भोग लगाना चाहिए. इससे मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं ( wishes)पूरी करती हैं. पूजा के अंत में देवी मां ( devi maa)की आरती करनी चाहिए।
कौन से योग्य ( yogya)
आज सुबह 04 बजकर 31 मिनट से सुबह 06 बजकर 01 मिनट तक रवि( ravi) योग है और सुकर्मा योग दोपहर 12:04 बजे तक है। इसे अलावा रवि( ravi) पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवि योग पूरे दिन है।