झारखंड रोप-वे हादसा : झारखंड (Jharkhand)के देवघर में त्रिकुट पर्वत(Trikuta Parvat in Deoghar) पर रोप-वे हादसे के तीसरे दिन भी रेस्क्यू के दौरान हादसा हो गया। ट्रॉली से निकालते समय एक महिला अचानक गिरने लगी। सेफ्टी बेल्ट होने की वजह से झटका लगा। इसके बाद टीम महिला की जमीन पर लैंडिंग कराने लगी। इसी दौरान वह गिर गई। गंभीर हालत में अस्पताल(hospital) में भर्ती कराया गया है। सोमवार को भी रेस्क्यू के दौरान हेलिकॉप्टर से गिरने से एक युवक की मौत हो गई थी।
अब ट्रॉली में सिर्फ 1 व्यक्ति बचा है। तीसरे दिन 6 घंटे से ऑपरेशन चल रहा है। एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों ने हेलिकॉप्टर से 2500 फीट ऊंचाई पर पहुंचकर रोप-वे की तीन ट्रॉलियों में फंसे 13 को निकाल लिया है।
ऊंचाई और तेज हवा होने की वजह से यह सबसे मुश्किल रेस्क्यू है। रेस्क्यू के दौरान एक जवान के पैर में चोट लग गई। इससे पहले दो दिन में 46 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। अभी छठी लाल साह फंसे हुए हैं।
एक दिन पहले, सोमवार को सेना, वायुसेना, ITBP और NDRF की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। इसमें 33 लोगों को तीन हेलिकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था। रेस्क्यू के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण एक व्यक्ति की हेलिकॉप्टर से नीचे गिर कर मौत हो गई। अंधेरा और कोहरा हो जाने की वजह से ऑपरेशन बंद कर दिया गया था। अब तक कुल तीन लोगों की मौत हुई है। एक की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है। 12 लोग घायल हैं।
सबसे कठिन दौर रहा रेस्क्यू का
वायु सेना, सेना और NDRF की टीमें अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि तीन ट्रॉली सबसे ऊंचाई पर हैं। रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचने में कठिनाई आ रही है।
अब तक इस ऑपरेशन में वायु सेना के तीन हेलिकॉप्टर को लगाया गया है। आला अधिकारी लगातार मौके पर कैंप कर रहे हैं। इस हादसे में बचाए गए कुछ लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं। कुछ घायलों को ICU में भी रखा गया है।
भूखे-प्यासे रहे रात भर
दो ट्रॉली में एक ही परिवार के लगभग लगभग 8 से 10 लोग शामिल थे, जो देवघर के राम मंदिर रोड मोहल्ले के निवासी हैं। इनमें छठी लाल साह, उनकी पत्नी शोभा देवी, पुत्र अमित कुमार, पुत्र वधू खुशबू कुमारी, जया कुमारी, दो बच्चे 3 साल का वीर एवं 10 साल का कर्तव्य शामिल थे। परिवार ने रात भर बिना पानी के ही गुजारा किया। सुबह किसी तरह उन तक पानी पहुंचाया गया। इसमें से अधिकतर को निकाल लिया गया है। फंसे लोगों को खाना और पानी पहुंचाने के लिए पटना से ड्रोन मंगाया गया था, लेकिन शाम होने की वजह से फंसे लोगों तक खाना -पानी पहुंचाया नहीं जा सका। इसमें 3 और 4 साल के बच्चे भी हैं।