Mahasamund : गर्मी का पारा (summer heat)चढ़ते ही महासमुंद जिले (Mahasamund District)के ग्रामीण इलाको (countryside)मे ग्रामीणो को पीने के पानी एवं निस्तारी (Drinking water and nistari to the villagers)के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है । जिसकी शिकायत ग्रामीण लगातार प्रशासनिक अधिकारियो (administrative officers)से करते आ रहे है ,पर ग्रामीणो को पानी की समस्या से निजात नही मिल पा रही है। ताजा मामला ग्राम परसटठी(Village Parasathi) से सामने आया है, जहां के ग्रामीणों ने आज पानी की किल्लत को लेकर पीएचई कार्यालय का घेराव कर दिया।
महासमुंद जिले की आबादी 2011 के अनुसार 10 लाख 32 हजार है । जिले मे 551 ग्राम पंचायत एवं 1118 ग्राम है । जिले के ग्रामीण क्षेत्र मे 236015 घरेलू कनेक्शन दिये गये है । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 12147 हैण्ड पंप कनेक्शन लगाये गये है ,जिनमे से भू जल स्तर नीचे गिरने के कारण 182 हैण्ड पंप बंद हो चुके है । जिले मे 1598 बोर है जिनमे से 62 बोर बंद हो चुके है । भू जल स्तर गिरने के कारण जिले के महासमुंद ब्लाक के 11 गांवो मे जल संकट है । ताजा मामला ग्राम परसट्टी में देखने को मिला रहा है जहां इन दिनों भीषण जल संकट हैं । ग्रामीण पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं । ग्रामीण पानी की मांग को लेकर कई बार सरपंच और पीएचई के अधिकारियों के पास जाकर फरियाद भी कर चुके हैं लेकिन न तो गांव के मुखिया ग्रामीणों की दर्द सुने आये, ना ही पीएचई के अधिकरी, थक हारकर ग्रामीण कलेक्टर के पास पहुंचकर ज्ञापन सौंप। पानी देने के बावजूद समस्या जस की तस है, जिससे नाराज ग्रामीणों ने आज पहले कलेक्ट्रेट और फिर पीएचई दफ्तर का घेराव कर दिया। पानी की मांग को लेकर ग्रामीण पीएचई दफ्तर में ही नारेबाजी करते बैठ गए।
इस पूरे मामले मे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आला अधिकारी रटारटाया राग अलाप रहे है, और वाटर लेबल गिरने के कारण समस्या आने की बात करते हुए 3 दिनों के भीतर समस्या का निराकरण करने की बात करते नजर आए।
गौरतलब है कि महासमुंद जिले में 5 ब्लाक आते है। इनमें से केवल महासमुंद ब्लाक में शासकीय रिकार्ड के मुताबिक 11 गांव जल संकट से जूझ रहे है तो शेष चार ब्लाको में क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है । फिलहाल पीएचई विभाग 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत घर घर नल कनेक्शन देने का दाम भर रहा है, पर गिरते भू-जल स्तर को बचाने के लिए कारगर उपाय नही किये गये तो घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पानी देने का सरकार के सपने पर भी ग्रहण लगते देर नही लगेगी ।