कश्मीर में सक्रिय 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में दूसरे नंबर का आतंकी डिवीजनल कमांडर मोहम्मद अशरफ खान उर्फ मौलवी उर्फ गोजरी सोमवार को अनंतनाग जिले के वेरीनाग के जंगल में हुई मुठभेड़ में बच निकला था सुरक्षाबल और सेना की टीम अब जंगल में उसके पीछे लग गई है। उसके साथ दो और आतंकी भी हैं। इनमें एक आतंकी मुठभेड़ में जख्मी बताया जा रहा है। आतंकियों का पता लगाने के लिए सुरक्षाबलों ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन की भी मदद ली है। सेना के एक कमांडो दस्ता भी इस अभियान में शामिल किया गया है जो आतंकियों के पीछे लगा है।
गत मई में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों ने 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची बनाई थी। इसमें हिजबुल के मोहम्मद अशरफ खान को दूसरे नंबर पर रखा गया। उसे भी नाइकू के उत्तराधिकारियों में माना जा रहा था, लेकिन कम पढ़ा लिखा होने के कारण उसे कमांडर नहीं बनाया गया। वह दक्षिण कश्मीर में वेरीनाग के पास एक गांव का रहने वाला है।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस को तड़के ही अशरफ मौलवी द्वारा वेरीनाग के ऊपरी हिस्से में छौगुंड कापरन जंगल में बनाए गए ठिकाने का पता चला। उसके साथ अनंतनाग का वह आतंकी भी है जो कुछ समय पहले वीजा लेकर पाकिस्तान गया था। वह वहां एक आतंकी कैंप में ट्रेनिंग लेने के बाद वापस लौटा और फिर यहां हिजबुल मुजाहिदीन में सक्रिय हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ अभियान चलाया।
मोहम्मद अशरफ 1990 में आतंकी बना था। वह कई बार पकड़ा गया। मंजूर उल इस्लाम व मौलवी के कोड के नाम से भी वारदात को अंजाम देने वाला अशरफ जेल से छूटने के बाद कुछ समय तक सामान्य जिंदगी जीता और फिर से आतंकी संगठन में सक्रिय हो जाता। वर्ष 2013 में वह एक बार फिर आतंकी बना और तब से नहीं पकड़ा गया है। उसकी एक बाजू कुछ समय पहले एक मुठभेड़ में गोली लगने से निष्कि्रय हो गई है।