बिलासपुर। bilaspur news सीपत एनटीपीसी पावर प्लांट ntpc power plant में काम करने वाले श्रमिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर मामले की जांच करने और चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। एनटीपीसी पावर प्लांट भू विस्थापित मजदूर शत्रुघ्न खांडेकर, विजय कुमार रत्नाकर, रामलाल पटेल, विनोद कुमार जांगडे, दुलार प्रसाद सुर्ववंशी सहित अन्य ने वकील लवकुश साहू के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि एनटीपीसी सीपत में बीते 10 वर्षों से दैनिक मजदूरी पर काम कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ठेकेदार द्वारा जातिसूचक गाली गलौज करते हुए काम से बाहर कर दिया है। छत्तीसगढ के बाहर के ठेकेदारों का प्लांट में वर्चस्व है।
आए दिन ये गाली गलौज करते रहते हैं। इससे भय का वातावरण बना हुआ है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि वे सभी भूविस्थापित हैं। काम से बाहर कर देने के कारण सभी बेकार हो गए हैं। इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक व सीपत थाने में करने के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। श्रमायुक्त कार्यालय में शिकायत की गई है। कहीं से भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। काम से बाहर कर देने के कारण परिवार के सामने आर्थिक संकट खडा हो गया है। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी के सिंगल बेंच में हुई । मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस भादुड़ी ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर मामले की जांच करने और चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।