शिशुओं के साथ सफर करने वाली महिला यात्रियों (female passengers)की रेल यात्रा (train journey)को आरामदेह बनाने के मकसद से रेलवे ने प्रायोगिक तौर पर लखनऊ मेल (Lucknow Mail)की निचली बर्थ (lower berth)में मुड़ने योग्य ‘बेबी बर्थ’ (baby birth)लगाई है। अधिकारियों के मुताबिक, ‘बेबी बर्थ’ पर यात्रियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर इसे अन्य ट्रेन (train)में भी उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि ‘बेबी बर्थ’ निचली बर्थ से जुड़ी होगी, जिसे उपयोग में न होने के दौरान नीचे की तरफ मोड़कर रखा जा सकेगा। अधिकारियों के अनुसार, ‘बेबी बर्थ’ 770 मिलीमीटर लंबी और 255 मिलीमीटर चौड़ी होगी, जबकि इसकी मोटाई 76.2 मिलीमीटर रखी गई है। लखनऊ मेल 12229/30 में 27 अप्रैल को एसी -3 कोच की निचली सीट संख्या 12 और 60 में ‘बेबी बर्थ’ लगाई गई।
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उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ”यह प्रयोग के आधार पर किया गया है और जब हमें यात्रियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी, तब इसका विस्तार किया जाएगा। कुछ और ट्रेन में इसे लगाने तथा लोगों की प्रतिक्रियाएं जानने के बाद हम रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र में जरूरी विवरण डालेंगे, जहां इसे बुक करने का अनुरोध किया जा सकता है।”
अधिकारी ने कहा, ”बुकिंग व्यवस्था वैसे ही होगी, जैसे हम फिलहाल वरिष्ठ नागरिकों के लिए निचली सीट की पेशकश करते हैं। यात्री के यह बताने पर कि वह बच्चे के साथ यात्रा करेगा, हम उसे यह सीट दे देंगे। हालांकि, यह योजना अभी शुरुआती दौर में है।”
फिलहाल शिशुओं के साथ सफर करने वाली महिला यात्रियों के लिए निचली सीट को बुकर कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। सूत्रों ने कहा कि इस सुविधा का विस्तार होने एवं उसका वाणिज्यीकरण होने के बाद उसका उपयेाग करने वाली महिलाओं को इस सेवा के लिए अधिक भाड़ा देना होगा। रेलवे फिलहाल 5 से 12 साल के बच्चों के लिए पूरा किराया वसूलता है, पहले यह किराये का 50 फीसदी राशि होती थी।