भगवान को जानने के लिये एक गुरु का होना बहुत जरूरी: गोपिकेश्वरी देवी
रिसाली। दुर्गा मंदिर परिसर एचएससीएल कालोनी स्टेशन मरोदा में चल रहे दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन के छठवें दिन सुप्रसिद्ध भागवत प्रवचनकर्ता सुश्री गोपिकेश्वरी देवी ने संसार के स्वरूप पर विचार करने के बाद प्रवचन श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए बताया कि भगवान को जानने के लिये एक गुरु का होना बहुत जरूरी है। और वो गुरु कैसा होना चाहिए इसके विषय में भी बताया गया कि संतों में दो बातों का होना बहुत जरूरी है एक वो समस्त शास्त्रों-वेदों का ज्ञान रखता हो और उसे भगवान मिल चुके हों। लेकिन फिर ये प्रश्न आया कि किसको भगवान मिले हैं ये हम कैसे जानेंगे? क्योंकि इतिहास में पाया गया कि संत सब गड़बड़ व्यवहार करते हैं, ऐसे में संत को कैसे पहचानें? और वर्तमान में जहॉं पाखण्ड ही पाखण्ड है, ऐसे में वास्तविक संत कौन है? जीव कैसे जानेगा? फिर मनुष्य तो दैविक गुणों में दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है, कलियुग का ग्रास बनता जा रहा है, भौतिकवादी होता जा रहा है, उसके पास बुद्धि ही नहीं है संत को समझने की, जायेगा भी संतों के पास तो नामापराध करेगा और नरकगामी बन जायेगा। ऐसे में किसको गुरु माने जीव? जीवन भी बहुत छोटा है,कहॉं खोजे वास्तविक संत को? ये सब आगामी प्रवचन में बताया जायेगा। आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।