रायपुर / दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना से इस साल की पहली किस्त देने जा रही है। 21 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साल 2021-22 के लिए 1700 करोड़ रुपए का भुगतान जारी करेंगे। मुख्य आयोजन वर्चुअल होगा और भुगतान सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगा। हालांकि अन्य सभी जिलों में इसके लिए आयोजन भी किए जाने हैं। उसमें विधायकों और दूसरे जनप्रतिनिधियों को अतिथि बनाकर बुलाया जाना है। सामान्य प्रशासन विभाग ने बताया है, सभी जिलों में जिला स्तरीय आयोजन होना है। इसको मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। सभी जिलों के कलेक्टर से कहा गया है, इस कार्यक्रम में विधायकों-सांसदों और दूसरे जनप्रतिनिधियों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाना है। कलेक्टर को अतिथियों की सूची भी दी गई है। उसके अलावा न्याय योजना का लाभ लेने वाले किसानों को भी इस आयोजन में लाना है। उनके आने-जाने की व्यवस्था भी जिला प्रशासन को करना है। आयोजन स्थल पर गर्मी से बचने के उपाय और पेयजल की व्यवस्था करने को भी कहा गया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सरकार खरीफ की फसलों के लिए 9 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देती है। यह राशि चार किस्तों में अदा की जाती रही है। 21 मई को 2021-22 के खरीफ सीजन की पहली किस्त जारी होनी है।
अब तक 12, 209 करोड़ दे चुकी सरकार
राज्य सरकार ने इस योजना की शुरुआत 21 मई 2020 से हुई। पहली किस्त में 1500 करोड़ दिया गया। उस साल सरकार ने चार किस्तों में 5 हजार 604 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया था। 2021 में यह रकम बढ़ी। बीते दो वर्षों में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में 12 हजार 209 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
पहली बार सिर्फ धान उत्पादक, अब 14 फसलें
पहली बार जब यह योजना लागू हुई तो लाभार्थियों में केवल धान और गन्ना उत्पादक किसान थे। चयन का आधार पिछले सीजन में सरकारी केंद्रों पर बिक्री का रिकॉर्ड था। बाद में इसमें खरीफ की सभी प्रमुख फसलों को शामिल कर लिया गया। अब इसका विस्तार हुआ है। किसान ने अगर धान के बदले कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला अथवा पपीता लकिस्त गाता है तो उसे 10 हजार रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। पौधरोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक इनपुट सब्सिडी दी जाएगी